जिला बांदा| योग हमारी काया को निरोग रखता है, यह बात हम सभी सदियों से जानते समझते आए हैं और अधिकरत लोग करते भी आए हैं| लेकिन मौजूदा सरकार ने 6 साल पहले इस योग को लेकर एक सकारात्मक पहल की और उसके तहत 2015 से हर साल 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस बडे़ ही धुमधाम से मनाया जाने लगा |
इस साल भी हर साल की तरह योग दिवस को एक थीम दी गई थी,लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण ने उस पर भी ग्रहण लगा दिया है| जिसके चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्वजनिक जगहों पर और खुले में योग दिवस मनाने पर रोक लगाते हुए घरों में ही परिवार के साथ सबको योग दिवस मनाने की बात कही है| साथ ही आयुष एप पर लोगों को योगा करते हुए फोटो भी शेयर करनी थी|
इसमें प्रसाशन व राज्य सरकार से जिला और राज्य स्तरीय पुरस्कार मिलेगा| जिसके चलते आज छठवें योग दिवस के दिन विभागों में और हर जगह सार्वजनिक स्थानों में सन्नाटा फैला रहा और जो गिने-चुने फोटो या लोगों के विचार आए हैं वह अपने घरों से ही योग दिवस मनाते दिखे हैं|
आज अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस पर नहीं दिखी पहले जैसी रौनक
दरअसल लोगों का मानना है कि योग एक ऐसी साधना है जिसे जीवन में होना बहुत ही जरूरी है| यह एक ऐसी दवा है जो बगैर खर्च के ही रोगियों के इलाज करने की सक्षम रखती है|
साथ ही शरीर में ऊर्जा बनाए रखती है| यही वजह है कि आज-कल के युवा बड़े पैमाने पर योगा करते है| देखा जाये तो नियमित योग करने के कई फायदे बताये जाते हैं| जैसा की मानसिक तनाव शारीरिक थकान शरीर को फिट रखने में और निरोग रखने में पूरी तरह से मददगार होता है|
इसलिए आज-कल लोग बहुत ही रुचि के साथ योगा करते हैं और योग दिवस के दिन इसे धूमधाम से मनाते हैं| पर इस साल क्रोना वायरस से बचने के लिए सोशल एंड स्ट्रिंग का पालन करते हुए लोगों ने अपने परिवार के साथ ही योग दिवस मनाया है| जिससे जो खुशी और धूमधाम सर्वजनिक जगहों पर सबके साथ योग दिवस मनाने में होती थी और सोशल मिडीया में एक से बढ़कर एक अच्छी फोटो की लाइन लगी रहती थी वह नजरा फीका पड़ गया है|
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