बोलेंगे बुलवाएंगे हँसकर सब कह जाएंगे दोस्तों फिर से हाजिर हूँ मैं, कुछ अटपटी चटपटी कुछ अनकही अनसुनी बातो के साथ और नारीवादी चश्मे के साथ l
दोस्तों घर में, दोस्तों मे अक्सर ऐसी बातें होती हैं की अपनी हंसी रोकना मुश्किल हो जाता है और हंसते टाइम अगर किसी ने कहा चुप हो जाओ इतनी तेज मत हंसो तब तो हंसी रोकना और मुश्किल हो जाताl मै तो और हंसती हूँ l तो मै आज अपने शो मे हंसी पर ही चर्चा करने वाली हू आइए देखिए आप भी आपको क्या कभी खुल कर हंसने से बना किया गया है ?
अगर आपको किसी बात पर तेज हंसी आती है तो क्या करती हैं हस लेती हैं या हंसी दबा लेती हैं? हंसी कन्ट्रोल कैसे करती हैं? सबके पास से हट कर चुप रह कर या अंदर ही अंदर हसती हैं? आपको क्या लगता है लडकियों का हंसना पाप है? हम देखते आएं हैं हमेशा से लडकियों महिलाओं पर छोटी छोटी बातों पर रोक लगती चली आई है? ये मत करो ऐसे रहो समाज क्या कहेगा? बत्तमीज है शर्म नहीं आती यहां तक की नारी जाती को खुलकर हंसने भी नहीं दिया जाता वो अपनी मर्जी से हंस भी नहीं सकती?
क्या है ये महिलाओं लडकियों को हंसने पर रोक लगाना ये धर्म है ? कर्म ? या धर्म कर्म के नाम पर रूढ़िवादी सोच बहुत कुछ बदलाव भी आइए जानते हैं कुछ बुजुर्गों से तब और अब मे क्या अंतर ह आया है हंसी को लेकर? बुजुर्गों से आप के समय मे भी हंसने मे रोक लगती थी? क्यों रोकते थे हंसने पर? अगर नहीं मानी बहुत सी लडकियां अपनी हंसी नहीं रोक पायी रही होंंगी तो उसे क्या कहते थे?
आप कब कब खुल के हंस पाती हैं या हंसती थी? कभी लगा की आपको भी खुलकर सबके सामने खुल कर हंसना चाहिए? देखा आपने वर्षों पहले भी हंसने पर रोकटोक थी आज भी आखिर क्यों क्या अपशकुन हो जाएगा अगर महिलाएं दिलभर कर हंस लेंगी? कहते हैं हमारा देश अजाद है सब स्वतंत्र हैं? क्या अजा़दी इसे कहते हैं जहां महिलाएं लडकियां खुल कर हंस भी नहीं सकती?
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