खबर लहरिया ताजा खबरें अनशनकारी की हालत नाज़ुक, डॉक्टरों ने झांसी किया रेफर

अनशनकारी की हालत नाज़ुक, डॉक्टरों ने झांसी किया रेफर

कार्यवाही के लिए पीड़ित मृतक का पिता बैठा अनशन पर

30 सितम्बर 2017 में मूर्ति विषर्जन के समय दो लोगो की मौत हो गई थी। जिसमे पीड़ित परिवार ने हत्या का आरोप लगाया था। तीन साल पूरा होने बाद पुलिस ने कोई कार्यवाही नही की। जिसके चलते 25 अगस्त 2020 से पीड़ित पिता भगवती प्रसाद सोनी आमरण अनशन पर है। एक महीना से ज्यादा अनशन  पर बैठे भगवती प्रसाद सोनी की हालात अब बिगड़ रही है। पर प्रशासन कारवाही की जगह पीड़ित को ही परेशान कर रही है।

जानते है क्या है पूरा मामला

30 सितम्बर 2017 को कीरत सागर महोबा में लोग दुर्गा मूर्ति विषर्जन कर रहे थे। जिसमें राहुल सोनी और जितेंद्र अहिरवार नामक दो युवकों की पानी मे डूबने से मौत के गई थी। पीड़ित परिवार ने महोबा कोतवाली में हत्या का मुकदमा लिखवाया था। मुकदमा लिखने के बाद पुलिस ने एक हफ्ते में ही एफ आर लगा कोर्ट भेज दिया था। जिससे न्याय पाने के लिए परिवार परेशान है।

क्या है भगवती प्रसाद का कहना

मृतक राहुल सोनी के पिता भगवती प्रसाद सोनी ने बताया कि हम 5वीं बार अनसन पर बैठे है। हर बार पुलिस प्रशासन कार्यवाही का अस्वाशन देकर अनशन खत्म करवा देती है। पर कोई ठोस कार्यवाही नही करती है। इस बार आर-पार की लड़ाई है। या तो प्रशासन हमे लिखकर दे कि सीबी सीआईडी जांच कराई जाएगी। अगर नही तो हम अनशन नही तोड़ेंगे। पीड़ित पिता ने बताया कि जब घटना हुई थी तो हमने महोबा कोतवाली में दरखास दी थी, पर पुलिस ने कोई कार्यवाही नही की। 22 अक्टूबर 2017 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चरखारी मेले का उद्धघाटन करने के लिए आ रहे थे। जिसकी वजह से हमारी एफआईआर लिखी गई थी। 31 अक्टूबर 2017 को पुलिस ने जांच कर एक हफ्ते में एफ़आर लगा दिया था।
हमने एफआर को कैंसिल करा कर दुबारा से जांच कराई, दुबारा से जांच में पुलिस ने 13 महीने लगाए। हमे महोबा के पुलिस के ऊपर विश्वास नही था, की वह निष्पक्ष जांच करेगी, इसलिए हम अपनी जांच बाँदा भेजना चाहते थे, ताकि निष्पक्ष जांच हो, पर हमारी जांच पनवाड़ी थाना भेज दी गई। पनवाड़ी थाना के दरोगा ने अपराधियो से पैसे लेकर गलत जाँच रिपोर्ट लगा दी। पुलिस ने अपनी जांच में लिखा कि वहाँ पर कोई हत्या नही हुई है, पानी मे डूबने से राहुल और जितेंद्र की मौत हुई है। भगवती प्रसाद झूठ बोल बोल पुलिस को परेशान कर रहे हैं।
भगवती प्रसाद सोनी ने यह भी आरोप लगाया कि महोबा के पूर्व अपर एसपी वीरेंद्र कुमार से हमे जानमाल का खतरा है। कभी भी वह हमारी हत्या करवा सकते है। पुलिस प्रशासन लगातार हमारे साथियों से अनशन तोड़वाने का दबाव बना रही है। हमने एक महीने से कुछ खाना नहीं खाया जिससे हमारी हालात कमजोर हो रही है। इसलिए पुलिस प्रशासन हमे जबरजस्ती झांसी रेफर कर रही हैं। जिससे हमारा अनशन टूट जाएगा, और पुलिस को हमसे छुटकारा मिल जाये। अगर हमे जिला से बाहर कुछ हो जाएगा तो जिले की प्रशासन कि कोई जवाब देहि नही बनेगी। पर हम कही जाना नही चाहते,अगर हमारे साथ कोई घटना घटती है तो जिम्मेदार महोबा जिला प्रशासन होगा।

कहाँ कहाँ न्याय के लिए भटका है पीड़ित भगवती प्रसाद सोनी

भगवती प्रसाद सोनी ने बताया कि मैंने न्याय पाने के लिए बीजेपी पार्टी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या को ज्ञापन भेज आत्मदाह की परमिशन मांगी, जिला प्रशासन से आत्मदाह की अनुमति मांगी। जनसुनवाई में शिकायत डाली, मुख्यमंत्री दरबार मे 4 बार गए है।  मुख्यमंत्री दरबार से हमारी एप्लिकेशन दरखास के कागज महोबा भेजे गए, और जांच रिपोर्ट मांगी गई, उसमे भी पुलिस ने फिर सब फर्जी रिपोर्ट लगाकर भेज दिया, जिसमें लिखा था कि मूर्ति विषर्जन में कोई हत्या नही हुई, दारू के नशे में पानी मे डूबने से मौत हुई है। सीबी सीआईडी जांच की कोई जरूरत नही है। मैं जानना चाहता हूं, क्या न्याय मांगना गलत है। अगर नही तो फिर पुलिस हमारा साथ क्यों नहीं दे रही है। क्यों बार बार झूठ बोल सीबी सीआईडी की जांच नही होने दे रहे हैं।

अनसनकारी भगवती प्रसाद सोनी किस चीज की कर  रहा है मांग

मृतक राहुल सोनी के पिता  भगवती प्रसाद सोनी ने दो लोगो की मौत पर सीबी सीआईडी जांच की मांग के साथ जिला प्रशासन से कुछ सवाल लगातार 2017 से पूछ रहा है। जिला प्रशासन के पास उनके सवालों के जवाब नही है। सवाल इस प्रकार है।
  • जिला प्रशासन की संपूर्ण व्यवस्था होने पर यह घटना कैसे घटी?
  • यह घटना कितने समय की है दिन में या रात में?
  • दुर्गा मूर्ति विसर्जन प्रशासन की उक्त स्थान पर हुआ या विपरीत स्थान पर?
  • मृतक जितेंद्र अहिरवार का शव किस जिला प्रशासन की गाड़ी से जिला अस्पताल भेजा गया?
  • मृतक राहुल सोनी और जितेंद्र अहिरवार के शव कितने देर बाद पानी से निकाले गये?
  • प्रशासन को सूचना देने वाला कौन था?
  • यदि मूर्ति विसर्जन विपरीत स्थान पर हुई तो क्या वह अपराध है या नहीं?
राहुल सोनी का शव किस गोताखोर ने निकाला नाम अवगत कराएं, क्या वह प्रशासन ने उसको तैनात किया था।
जिला प्रशासन पुलिस के पास कोई फोटो कोई वीडियो है मूर्ति विसर्जन के समय की है अवगत करायें।
दुर्गा मूर्ति विसर्जन कमेटी पर पुलिस प्रशासन ने क्या कार्रवाई की जहां पर दो सामूहिक नौजवान लड़कों की पानी में डूबो कर आरोपियों ने हत्या कर दी।
हत्यारोपी जहांगीर पुत्र अब्बास जुआ संचालन करता है, कांशीराम कॉलोनी ब्लॉक नंबर 1 मैं जुआ का होना पाया गया था, एलआईयू की रिपोर्ट पर क्या कार्रवाई की गई अवगत कराएं।
एफआईआर में आरोपियों की तरफ से स्वतंत्र साक्षी गणों के बयान जो दर्ज हुए हैं क्या उनके पास घटनास्थल की कोई वीडियो फोटो है जिससे यह साबित हो सके वहां कोई अपराध नहीं हुआ। नामजद केस धारा 302 (हत्या) के तहत जब विवेचक 10 दिन में अपनी विवेचना समाप्त कर सकता है तो माननीय न्यायालय सी,जी,एम,के आदेश के बाद एक साल का समय कैसे लगा अवगत कराने का कष्ट करें।

अभी तक क्या क्या हुई कार्यवाही

मुकदमा अपराध संख्या  552/17 धारा 147, 302 के तहत 3 साल पहले जहाँगीर पुत्र अब्बास और हैदर पुत्र अब्बास के नामज़द रिपोर्ट लिखी गई थी। दो बार जांच हुई पर हर बार पुलिस ने अपराधियो को क्लीन चिट देकर एफआर लगा दिया। 3 साल पूरे होने बाद भी आज तक न तो पीड़ित को अपने सवालों का जवाब मिला, और न ही कोई ठोस कार्यवाही हुई। जिससे पीड़ित न्याय पाने के लिए दर दर की ठोकरे खा रहा है। हालांकि की महोबा डीएम ने 30 सितम्बर 2020 को उनकी मांग पूरी कर कारवाही करने का अस्वाशन देकर अनशन खत्म करवा दिया है।
महोबा जिला के कबरई कस्बा क्रेशर ब्यापारी इन्द्रकांत त्रिपाठी ने 7 सितम्बर 2020 को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट और वीडियो वायरल किया था। जिसमे महोबा पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार के ऊपर गंभीर आरोप लगाए थे। जिसमे लिखा था कि एसपी मणिलाल पाटीदार 6 रूपये मांग रहा है।
देने से इनकार करने पर फर्जी मुकदमे में फ़साने और जान से मरवाने की धमकी दी है। 8 सितम्बर 2020 को इन्द्रकांत को गोली लगी घायल अवस्था मे पाया गया। इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया, हालात गंभीर होने के कारण डॉक्टरों ने कानपुर रेफर कर दिया। जहाँ पर 13 सितम्बर 2020 को इलाज के दौरान रीजेंसी हॉस्पिटल में उनकी मौत हो गई थी। जब से इन्द्रकांत त्रिपाठी वाला मामला हुआ है तब से लेकर महोबा पुलिस पर एक के बाद एक वसूली, फर्जी मुकदमे में फ़साने की धमकी, जान का खतरा जैसे वीडियो वायरल हो रहे है।
जिस पर जनता की सुरक्षा की कमान सौंपी गई है, अब उसी से जनता को जान का खतरा है तो सुरक्षा कौन करेगा। कहा जाए आम जनता न्याय पाने के लिए। आख़िर ऐसा क्या है कि लोग पुलिस पर इतने बड़े आरोप लगा रही है। महोबा की पुलिस और जनता के बीच मे इतनी नफरत और फासले क्यों नजर आ रही है। इस पर गौर करने वाली बात है। सरकार पर पुलिस ब्यवस्था और रवैया को लेकर एक बड़ा सवाल उठ रहा है।