खबर लहरिया क्राइम मृतक के खाते से बैंक मैनेजर ने एक साल बाद निकाले पैसे

मृतक के खाते से बैंक मैनेजर ने एक साल बाद निकाले पैसे

दोस्तों आपने अब तक जिन्दा व्यक्ति को मरा बता देने की खबरें सुनी होगी लेकिन ये नहीं सुना होगा की किसी किसान की मौत हो जाये और उसके खाते से बैंक मैनेजर खुद पैसे निकाल ले। जी हाँ सही सुना आपने। 28 सितम्बर 2015 को किलऊआ गाँव के किसान की मौत हो गई थी जिसके खाते से दिसंबर 2015 से बैंक मैनेजर द्वारा 48 हजार 8 सौ रूपये मृतक के खाते से निकालने का मामला सामने आया है।

नहीं हो रही सुनवाई   

बाला जी जो बुंदेलखंड किसान यूनियन के संकुल प्रभारी भी हैं उन्होंने बताया कि 28 सितम्बर 2015 को किलऊआ गाँव के किसान की मौत हो गई दिसंबर 2015 से बैंक मैनेजर ने पैसा निकालना शुरू किया और 48 हजार 8 सौ रूपये मृतक के खाते से निकाल लिया। समस्या ये है की आदमी जब जिन्दा पैसे निकालने बैंक जाता है तो बैंक उसे आठ बार दस बार वापस करती है। मरने के बाद वह इंसान कहाँ से आ गया क्या बैंक मैनेजर इतना पावरफुल है की स्वर्ग से उसको बुला लिया। अंगूठा लगाकर पैसा निकाल लिया। इस बैंक मैनेजर के ऊपर डकैती की एफ़ाइआर हो और जेल भेजना चाहिए।
दूसरी समस्या ये है की किसान ने बजाज बीमा कम्पनी महोबा से अपना बीमा कराया। दो किस्तें नगद जमा की चार किस्ते बैंक से कटी। बजाज बीमा कम्पनी में केवल एक क़िस्त शो कर रही है तीन क़िस्त बैंक मैनेजर ने हड़प लिया। कह रहा हमारे यहाँ से चली गई लेकिन कम्पनी में गई ही नहीं। ये 15 हजार रुपया गया कहाँ?

बिचौलिए ने निकाले 2 लाख अडसठ हज़ार

जयकिशन किसान ने बताया कि धोखाधड़ी से दलाल ने मेरा पैसा निकाल लिया। 2 लाख अडसठ हज़ार क्रेडिट कार्ड का था । तीन साल हो गया पैसा निकाले हुए। जिसने पैसे निकाले उसका नाम यशपाल है। सीताराम ने बताया कि कई बार शिकायत की गई पर कोई सुनता नहीं है। पर कब तक अगर नहीं सुना गया तो धरने पर बैठेंगे आन्दोलन करेंगे। भ्रष्टाचार मचा हुआ है 5 हजार दो 10 हजार दो तब पैसे निकालेंगे ऐसे ही मांग की जाती है।
किसान भानसिंह ने बताया पिता पूरण चार साल पहले ख़त्म हो गये थे साल भर बाद पता चला की उनके खाते से पैसे गायब हैं। पनवाड़ी थाने में एफ़ाइआर किया। सीओ कुलपहाड़ को अप्लिकेशन दिया सुनवाई नहीं हुई। भान सिंह के भाई पन्नालाल ने बताया मेरे चाचा के खाते से 14 दिस्मबर 2016 से पैसा निकलना शुरू हुआ। जब पता किया तो बैंक मैनेजर ने डिटेल दी जिस-जिस डेट को पैसे निकले थे। फिर बैंक मैनेजर ने बोला बैंक फंस जाएगा और कुछ नहीं बताया। बस पैसे देने के आश्वासन मिल रहा। शिकायत कई बार कई जगह की सीओ, डीएम सबको दिया लेकिन जाँच नहीं हुई।
ये कोई पहली बात नहीं है जब बैंक मैनेजर ने मृतक के खाते से पैसे निकाले हैं आये दिन केस सुनने को मिलता है और कोई सुनवाई नहीं होती है ऐसे ही इन किसानों के साथ हो रहा है जहाँ अप्लिकेशन तो दिए जा रहे पर सुनवाई नहीं हो रही।