30 अगस्त को हुई लगातार बारिश ने मध्य प्रदेश को डुबो दिया। भारी के चलते नर्मदा सहित कई नदियां उफान पर हैं ।भोपाल,सीहोर,होशंगाबाद और रायसेन जिले के हालत सबसे ज्यादा खराब है. बाढ़ ग्रस्त इलाकों से लोगों का रेस्क्यू किया जा सके, इसके लिए सेना की भी मदद ली जा रही है. बाढ़ प्रभावित 12 जिलों के 454 गाँवों से लगभग 11,000 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है.आपको बता दें कि सन 1999 की बाढ़ का रिकॉर्ड इस बार टूटा है।
मुख्यमंत्री ने केंद्र से मांगी मदद
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हवाई दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और आमजन से अपील की कि से पानी से घिरे स्थानों पर रहने की जिद न करते हुए प्रशासन जब निकलने का कहे तो सावधानी रखते हुए तुरंत अन्य स्थान पर या राहत शिविर में शिफ्ट होने में सहयोग करें। बेहतर से बेहतर व्यवस्थाएं की जा रही हैं। कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। |
#WATCH National Highway 26 blocked due to flood-like situation after heavy rains in Odisha’s Kalahandi pic.twitter.com/UnTaPZ5Ols
— ANI (@ANI) July 17, 2017
सी एम ने स्वैच्छिक संगठनों से भी आग्रह किया है कि सहयोग का हाथ बढ़ाएं। बाढ़ प्रभावित लोगों को भोजन वस्त्र और अन्य सहायता प्रदान करने में सहयोग करें। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बाढ़ से मची तबाही को लेकर चर्चा की है. इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी बात कर मदद मांगी गई है. मध्य प्रदेश में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक राहत कार्य संचालित किए जा रहे हैं। बचाव दल सक्रिय हैं।
क्या कहते है मौसम विभाग
मिडिया रिपोर्ट के अनुसार भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार तक कई जिलों में अलग-अलग जगहों पर भारी बारिश के साथ भारी से बहुत भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है। इतना ही नहीं मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इस साल अगस्त के महीने में बारिश ने पिछले 44 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। इससे पहले अगस्त के महीने में इतनी ज्यादा बारिश साल 1976 में हुई थी. अगस्त के महीने में इस साल 25 फीसदी ज्यादा बारिश हुई. 44 साल पहले देश भर में 28.4% ज्यादा बारिश हुई थी।
उदघाटन के बिना ही पुल टूटा
मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार की पोल खोलते हुए सिवनी जिले में तीन करोड़ सात लाख रुपये की लागत से बना पुल उदघाटन से पहले ही बह गया। सिवनी जिले के सुनवारा गांव में वैन गंगा नदी पर बने इस पुल का इस्तेमाल करीब एक महीना पहले ही शुरू हुआ था। 30 अगस्त को इसका उदघाटन होने वाला था लेकिन उससे पहले ही यह पुल भ्रष्टाचार की बाढ़ में बह गया। इसका निर्माण कार्य एक सितंबर 2018 में शुरू हुआ था। फिलहाल इस मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।