खबर लहरिया जिला पन्ना-गर्भवती महिलाओं और शिशुओं को नहीं मिल रहा पोषाहार

पन्ना-गर्भवती महिलाओं और शिशुओं को नहीं मिल रहा पोषाहार

केंद्र की खबर पन्ना जिले के अजयगढ़ ब्लॉक में आंगनवाड़ी केंद्रों को लेकर चल रही बड़ी लापरवाही अधिकतर राजापुर के और बड़ी रूंध के कारी पथरिया आंगनवाड़ी केंद्र में चल रही काफी समस्याएं क्योंकि यह दो केंद्र ऐसे हैं कि जहां पर हितग्राहियों को लाभ नहीं मिल पा रहा जैसे कि बड़ी रूंध आंगनवाड़ी केंद्र में सोसाइटी गांव की महिलाओं को और उनके बच्चों को आंगनवाड़ी से किसी भी प्रकार का लाभ नहीं मिल पा रहा और ना ही कोई सेवाएं दी जा रहे हैं |
और राजापुर की आंगनवाड़ी केंद्र के रिप्टा गांव में भी लाभार्थियों को जैसे कि छोटे बच्चे गर्भवती महिलाएं और धात्री महिलाओं को लाभ नहीं मिल पा रहा जिससे की सोसाइटी की महिलाओं ने अपने गांव में मिनी आंगनवाड़ी खोलने की मांग की है उनका कहना है कि एक कई बार अपने गांव के सरपंच जी और सचिन जी से कह चुके हैं कि हमारे गांव में भी एक आंगनवाड़ी केंद्र खुलवा दिया जाए जिससे यह लोग भी आंगनवाड़ी केंद्र से मिलने वाली सेवाओं का लाभ प्राप्त कर सकें लेकिन किसी भी प्रकार की सुनाई नहीं हो रही वहीं इस पूरे मामले को लेकर हमारी बात महिला बाल विकास अधिकारी से हुई है जो कि अभी कुछ दिन पूर्व ही अपना पद संभाल रहे हैं इनका कहना है कि हमने अभी पद संभाला है और हम जांच करने के लिए जाएंगे और फिर कार्यवाही करेंगे |

महिला बाल विकास अधिकारी का नाम अरुण प्रताप सिंह इन्होंने बाइक नहीं दी है इनका कहना है कि हम आंगनवाड़ी केंद्र की जांच करेंगे और फिर कार्यवाही करेंगे |
ग्राम पंचायत बहादुरगंज गांव सोसाइटी ब्लॉक अजयगढ़ जिला पन्ना मध्य प्रदेश मामला है आंगनवाड़ी केंद्र का देखा जा रहा है कि इस गांव में आंगनवाड़ी केंद्र की व्यवस्था नहीं है जबकि यहां की अवादी 500 से अधिक है यहां की महिलाओं को आंगनवाड़ी केंद्र से लेकर कोई उपलब्ध नहीं हो पाती क्योंकि इनके यहां से आंगनवाड़ी केंद्र 6 किलोमीटर दूर है बड़ी रूंध जो कि उनके गांव से लेकर 6 किलोमीटर दूर पड़ता है |
अब इतनी दूर छोटे-छोटे बच्चे कैसे आंगनवाड़ी केंद्र में जाएं और गर्भवतीआंगनवाड़ी केंद्र जाने में सक्षम रहती हैं सोसाइटी से 5 किलोमीटर की दूरी पर अम्मा है और अम्मा से लगभग 1 किलोमीटर बड़ी रूंध आंगनवाड़ी केंद्र पड़ता है जहां पर इन महिलाओं को जाना पड़ता है जबकि इन लोगों ने कई बार ग्राम पंचायत में और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से बोला है कि हमारे यहां एक मिनी आंगनवाड़ी खुलवा दी जाए जिससे हम लोगों को भी कोई समस्या ना हो और जो शासन के द्वारा आंगनवाड़ी केंद्र से सेवाएं मिल रही हैं |
वह सेवाएं भी इन गरीब महिला और बच्चे तक पहुंचने लगे लेकिन ऐसा कहीं कुछ नहीं हो रहा जबकि अभी हाल ही में 7 महिला प्रेग्नेंट है जिसमें से किसी भी महिला का चैकअप नहीं किया गयाऔर ना ही महिलाओं का समय से टीकाकरण कार्ड बनाया जाता है जबकि आंगनवाड़ी केंद्र से बच्चों का भविष्य जुड़ा हुआ रहता है क्योंकि आंगनवाड़ी केंद्रों से हर महीने छोटे बच्चों का वजन किया जाता है और गर्भवती महिलाओं का चेकअप किया जाता है |
अगर बच्चों को या गर्भवती महिलाओं को किसी भी प्रकार की समस्या होती है तो उनको ट्रीटमेंट किया जाता है और उनको सलाह दी जाती है कि किस प्रकार से आपको आगे की प्रतिक्रिया करना है लेकिन देखा जा रहा है कि सोसाइटी में ऐसा कहीं कुछ नहीं है महिला बाल विकास में कुछ ऐसे अधिकारी हैं जो कि कभी आंगनवाड़ी चेक करने ही नहीं जाती की आंगनवाड़ी केंद्रों में क्या चल रहा है जबकि इस पूरी घटना की जानकारी हमने महिला बाल विकास के अधिकारी को दी है तो उनका कहना है कि अभी हाल ही में हमने पद संभाला है 2 दिन ही हुए हैं उनको पद संभाले तो हम इस आंगनवाड़ी केंद्र की जांच करेंगे और फिर कार्यवाही करेंगे |