गांव गुंदरापुर ब्लॉक महरौनी जिला ललितपुर गांव गुंदरापुर के लोगों का कहना है कि हम लोग कई सालों से यार शौचालय की मांग कर रहे हैं और हम लोगों की शौचालय नहीं बनी है जैसे कि हमारी जो बहू बेटियां होती हैं तो बाहर रात भी रात्रि लैट्रिन करने के लिए जाते हैं तो लोग बुरी नजर से देखते हैं आज बूढ़े बुजुर्ग लोग होते हैं तो उनको हम लोगों को हाथ पकड़कर ले जाने पड़ता है सोच के लिए आरजू हम लोग अभी तो सूखे के दिन है तो खेत पर खाली पड़े हैं तो कहीं भी चले जाते हैं |
जब बरसात का मौसम आता है तो ऐसी स्थिति में है कई तरह के कीचड़ होते हैं और हम लोगों को काफी दूर जाने पड़ता है उसको लेकर के कई प्रकार के 12 का सामना करना पड़ता है और जब किसी के खेतों में जाते हैं तो लोग गाली-गलौज भी करते हैं तो उसका भी सामना करना पड़ता है और हम लोग कई बार मांग कर चुके हैं प्रधान से पर कहते हैं हां बन जाएगी बन जाएगी पर यहां पर हमारे यहां जो 40 परिवार रह रहे हैं उनमें से दो चार शौचालय बने हुए हैं पर वह भी अधूरे पड़े हैं तो उनको पार्टीशन नहीं हुआ है बताइए सरकार कहती है कि लॉक दाम के चलते समय लोगा बाहर ना जाए तो कहां तक हम लोग बाहर क्यों ना निकलें क्योंकि हम लोगों को सोच के लिए तो जाना जरूरी होता है तो सुबह शाम हम लोगों को स्वच्छ के लिए किलो यादा किलोमीटर की दूरी पर जाने पड़ता है वहीं सरकार का कहना है कि बीमारियों से बच ऊपर हम लोग कैसे बचें क्योंकि जब हम लोग सो के लिए जाते हैं तो वहीं मक्खियां वहां पर बैठते हैं |
वही हम लोगों के साथ आकर के जैसे हमारे घर में रसोई में खाना बनता है तो रसोई पर आ जाते हैं उसी को लेकर के तमाम प्रकार की बीमारियां भी फैल रहे हैं और कई तरह के कीड़े मकोड़े और मच्छर आदि पैदा हो रहे हैं तो उससे मलेरिया फैल रहा है तो बताइए जाएं तो जाएं कहां जाएं स्कूल ले कर के हम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और सभी गांव और सभी जिले में शौचालय बन गए हैं पर हमारे यहां पर जो मोहल्ला बसा हुआ है तो इस मोहल्ले में किसी परिवार का शौचालय नहीं बना है तो शौचालय कुंडली करके हम लोग का बुरी तरह से परेशान हो रहे हैं और कई बार मांग कर चुके हैं पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है |
बस सुनने में मिलता है कि शौचालय का बजट 12000 का आता है वह सही जब हम लोगों के शौचालय बने ही नहीं है तो हम लोग इसके बारे में क्या जाने के शौचालय कैसी होती है तो हम लोग क्या करें मजबूर हैं मान भी कर सकते हैं इसके अलावा क्या करें तो अपने वाह रिश्वत के लिए चले जाते हैं और किसी से कुछ नहीं कहते हैं मांग करते करते थक गए हैं तो आराम से घर बैठ गए हैं