खबर लहरिया Blog कानपुर: बदमाशों को पकड़ने गई पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग , 8 पुलिसकर्मी शहीद

कानपुर: बदमाशों को पकड़ने गई पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग , 8 पुलिसकर्मी शहीद

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कानपुर में गुरुवार (2 जुलाई) की देर रात शातिर बदमाशों को पकड़ने गई पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग में सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों के मौत की खबर सामने आ रही है। घटना कानपुर में चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव की है। बताया जा रहा है की पुलिस शातिर बदमाश विकास दुबे को पकड़ने गई थी। तभी विकास और उसके साथियों द्वारा फायरिंग की गई जिसमें सीओ समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए। चार पुलिसकर्मी घायल भी हैं। दो सिपाहियों के पेट में गोली लगी जिन्हें गंभीर हालत में रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस के आलाधिकारी और कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंच गई है।

मुख्यमंत्री ने दुख व्यक्त किया और श्रदांजलि दी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर में कर्तव्यपालन के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले 8 पुलिस कर्मियों को भावभीनी श्रदांजलि दी है। पुलिस कार्मिको की शहादत को शत् शत् नमन करते हुए मुख्यमंत्री ने इनके शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक को इस दुर्दांत घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करने तथा तत्काल मौके की रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।


 यूपी के डीजीपी एच सी अवस्थी ने कहा कि राहुल तिवारी नाम के एक शख्स ने विकास दुबे पर हत्या का केस दर्ज कराया था, जिसके बाद पुलिस की टीम विकास दुबे के गांव पहुंची थी लेकिन उन्होंने वहां जेसीबी लगा दी थी जिससे हमारे वाहन बाधित हो गए। जब फोर्स नीचे उतरी तो अपराधियों ने गोलियां चलाई, जवाबी फायरिंग हुई लेकिन अपराधी ऊंचाई पर थे  इसलिए हमारे 8 कर्मी शहीद हुए । लगभग 7 आदमी घायल हो गए। ऑपरेशन अभी भी जारी है क्योंकि अपराधी अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे। बदमाशों को पुलिस के आने की भनक कैसे लगी इसकी जांच की जाएगी।फिलहाल विकास दुबे की गिरफ्तारी की कोशिशें तेज कर दी गई है।

क्या है हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का इतिहास ?

ABP न्यूज़ के अनुसार 25000 के इनामी विकास दुबे पूर्व प्रधान व जिला पंचायत सदस्य भी रह चुका है। इसके खिलाफ 60 में से करीब 53 हत्या के प्रयास के मुकदमे चल रहे हैं। हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का जघन्य आपराधिक इतिहास रहा है। बचपन से ही वह अपराध की दुनिया में अपना नाम बनाना चाहता था। पहले उसने गैंग बनाया और लूट, डकैती,  हत्याएं करने लगा। 19 साल पहले उसने थाने में घुसकर एक दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री की हत्या की और इसके बाद उसने राजनीति में अपने पैर जमाने की कोशिश करने लगा।
कानपुर देहात से लेकर यूपी के इलाहाबाद,  गोरखपुर तक विकास दुबे के आपराधिक तार फैले हुए हैं। कोई कारोबारी हो व्यापारी उनसे जबरन वसूली से जैसे कामों के लिए भी यह शख्स जाना जाता है।
कानपुर में एक हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने गई टीम पर हमले में शहीद पुलिस कर्मियों को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने श्रद्धांजलि दी। अखिलेश ने ट्वीट कर कहा कि उप्र के आपराधिक जगत की इस सबसे शर्मनाक घटना में ‘सत्ताधारियों और अपराधियों ‘की मिलीभगत का ख़ामियाज़ा कर्तव्यनिष्ठ पुलिसकर्मियों को भुगतना पड़ा है। अपराधियों को जिंदा पकड़कर वर्तमान सत्ता का भंडाफोड़ होना चाहिए।

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी दुख व्यक्त किया

शहीद हुए पुलिसकर्मी के नाम

1-देवेंद्र कुमार मिश्र, सीओ बिल्हौर,
2- महेश यादव,एसओ शिवराजपुर,
3- अनूप कुमार,चौकी इंचार्ज मंधना,
4-नेबूलाल, सब इंस्पेक्टर शिवराजपुर,
5- सुल्तान सिंह कांस्टेबल थाना चौबेपुर,
6-राहुल कांस्टेबल बिठूर,  
7- जितेंद्र,कांस्टेबल बिठूर 
8- बबलू कांस्टेबल बिठूर