Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the siteorigin-premium domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/html/wp-includes/functions.php on line 6121
वैक्सीन का दूसरा डोज लेने से नहीं बढ़ता कोरोना संक्रमण का खतरा - KL Sandbox
खबर लहरिया कोरोना वैक्सीन वैक्सीन का दूसरा डोज लेने से नहीं बढ़ता कोरोना संक्रमण का खतरा

वैक्सीन का दूसरा डोज लेने से नहीं बढ़ता कोरोना संक्रमण का खतरा

VACCINATION FAKE NEWS KHABAR LAHARIYA QUINT

दावा है कि वैक्सीन का दूसरा डोज लेने के डेढ़ महीने बाद तक कोविड-19 के संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है

सोशल मीडिया पर एक वायरल मैसेज में ये दावा किया जा रहा है कि कोविड-19 की वैक्सीन लेने के बाद वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. वायरल मैसेज में दावा है कि वैक्सीन का दूसरा डोज लेने के डेढ़ महीने बाद तक इंसान के कोरोना संक्रमित होने की संभावना ज्यादा रहती है.

वैक्सीन को लेकर मैसेज में ऐसे कई दावे किए गए हैं. इन दावों की पुष्टि के लिए हमने कोविड-19 वैक्सीन से जुड़ी रिसर्च रिपोर्ट्स चेक कीं और देश की शीर्ष रिसर्च संस्था इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के सेंटर फॉर एडवांस रिसर्च इन वायरोलॉजी के प्रमुख रह चुके डॉ. जैकब टी जॉन से संपर्क किया. डॉ. जॉन ने वायरल मैसेज में किए गए अधिकतर दावों को फेक बताया.

दावा

वायरल हो रहे मैसेज में दावा है कि कोविड-19 वैक्सीन लेते ही हमारे शरीर में इम्युनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) कम होने लगती है. 28 दिन बाद जब दूसरा डोज लेते हैं तो इम्युनिटी और ज्यादा कम हो जाती है और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.

वैक्सीन का दूसरा डोज लेने के अगले 28 दिनों तक संक्रमण का खतरा बना रहता है. मैसेज में दावा है कि डेढ़ महीने बाद शरीर कि रोग प्रतिरोधक क्षमता 100 से 200 गुना बढ़ जाती है. मैसेज में गर्म पानी से स्नान करने की भी सलाह दी गई है.

मैसेज फेसबुक पर बड़े पैमाने पर शेयर किया जा रहा है. वेबकूफ की वॉट्सअप टिपलाइन पर भी रीडर्स (पढ़ने वालों) ने ये मैसेज पड़ताल के लिए हमें भेजा.

सर्च रिजल्ट का अर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें
सोर्स : स्क्रीनशॉट/ट्विटर

वायरल हो रहे इस मैसेज का आर्काइव (संग्रह)  यहांयहां और यहां देखा जा सकता है.

 

पड़ताल में हमने क्या पाया

डॉ जैकब टी जॉन ने वायरल मैसेज में किए गए इस दावे को फेक (झूठा) बताया कि वैक्सीन का दूसरा डोज लेने के बाद भी कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.

अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के जर्नल JAMA में छपी रिपोर्ट में ये जरूर कहा गया है कि वैक्सीन का पहला डोज लेने के बाद कोरोना संक्रमण होने की संभावना रहती है. लेकिन, ऐसी कोई रिपोर्ट हमें नहीं मिली जिससे पुष्टि होती हो कि वैक्सीन का दूसरा डोज लेने के बाद इंसान के कोविड-19 संक्रमित होने की संभावना ज्यादा रहती है.

एक-एक कर जानिए वायरल मैसेज में किए गए दावों का सच

दावा : वैक्सीन के पहले डोज के 28 दिन बाद दूसरा डोज लेना होता है

पहले डोज और दूसरे डोज के बीच की अवधि सभी वैक्सीन की अलग है. हाल में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा है कि पहले और दूसरे डोज के बीच ढाई से तीन महीने का गैप रखने से वैक्सीन ज्यादा प्रभावी होगी. पिछले महीने केंद्र सरकार ने विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर राज्यों को कोविशील्ड के दो डोज के बीच का गैप 4-6 सप्ताह से बढ़ाकर 6-8 सप्ताह बढ़ाने के लिए पत्र लिखा था.

 

दावा : वैक्सीन शरीर में प्रवेश करते ही एंटीबाॅडी बनाना शुरू कर देती है. इस दौरान शरीर में इम्युनिटी कम हो जाती है.

ऐसी कोई रिसर्च रिपोर्ट हमें नहीं मिली, जिससे पुष्टि होती हो कि वैक्सीन लेने के बाद रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है.

रिसर्च जर्नल JAMA में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, वैक्सीन का पहला डोज लेने के बाद इंसान को कोविड-19 के संक्रमण से पूरी सुरक्षा नहीं मिलती. कई लोग पहला डोज लेने के बाद ही संक्रमण से सुरक्षा को लेकर बेफिक्र हो जाते हैं, रिपोर्ट में आगे लिखा है कि- ये साफ तौर पर नहीं कहा जा सकता कि पहले डोज के बाद पैदा हुई इम्युनिटी कितनी और कब तक सुरक्षा देगी. इसलिए दूसरा डोज जरूरी है.

 

कई रिसर्च रिपोर्ट्स में सामने आया है कि भले ही वैक्सीन पूरी तरह कारगर न हो पर शरीर में वायरस का संक्रमण कम हो जाता है और अगर व्यक्ति संक्रमित नहीं है तो कोविड19 का खतरा कम हो जाता है. ये बात बिल्कुल गलत है कि वैक्सीन का पहला डोज लेने के बाद शरीर की इम्युनिटी कम होती है. –डॉ जैकब टी जॉन

दावा: दूसरे डोज के 14 दिन बाद हमारे शरीर में एंटीबाॅडी बन जाती है. इस डेढ महीनेे के दौरान वायरस के शरीर में प्रवेश करने की संभावना बहुत ज्यादा रहती है.

LANCET जर्नल में भारत की कोवैक्सीन के दूसरे फेज के ट्रायल की रिपोर्ट छपी है. इस रिपोर्ट में कोवैक्सीन को प्रभावी बताया गया है. हालांकि साथ में ये भी कहा गया है कि वैक्सीन कितनी सुरक्षित है, ये तीसरे चरण के ट्रायल के बाद पता चलेगा.  LANCET की इस रिपोर्ट में ये जिक्र कहीं नहीं है कि वैक्सीन का दूसरा डोज लेने के बाद कोविड 19 के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.

डॉ. जैकब टी जॉन के मुताबिक, ये दावा झूठा है कि वैक्सीन लेने के बाद कोविड-19 का खतरा बढ़ जाता है. ये संभावना है कि वैक्सीन वायरस से बचाने में असर ही न करे, लेकिन संक्रमण का खतरा बढ़ता नहीं है.

 

दावा: डेढ़ महीने बाद 100 से 200 गुना इम्युनिटी पॉवर शरीर में बन जाती है, उसके बाद आप सुरक्षित है

डॉ जैकब के मुताबिक, रोग प्रतिरोधक क्षमता को इस तरह से मापने का कोई पैमाना नहीं है कि वह कितने प्रतिशत या कितने गुना बढ़ती है.

ये समझना होगा कि हमारे शरीर में कोई एक कॉमन (समान)  इम्युनिटी नहीं होती, जो हर वायरस या बीमारी में काम आ जाए. हर वायरस से लड़ने के लिए अलग इम्युनिटी की जरूरत होती है. कोविड-19 से लड़ने के लिए आपके शरीर में या तो इम्युनिटी होगी या फिर नहीं होगी. वैक्सीन देकर इसी इम्युनिटी को डेवलप करने का प्रयास किया जा रहा है. लेकिन, ऐसा नहीं होता है कि पहले इम्युनिटी कम थी फिर ज्यादा हो गई.

 

दावा: आकर गरम पानी से स्नान करें

ऐसी कोई रिसर्च रिपोर्ट हमें नहीं मिली, जिसमें ये उल्लेख हो कि वैक्सीन का डोज लेने के बाद गरम पानी से नहाना चाहिए या फिर गरम पानी से नहाने से कोविड के संक्रमण से बचा जा सकता है.  डॉ जैकब कहते हैं कि ये बात सच है कि पानी को गरम करने से उसके बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं. लेकिन, इसका वैक्सीनेशन या कोविड-19 के इलाज से कोई संबंध नहीं है.

 

मतलब साफ है – सोशल मीडिया पर किया जा रहा ये दावा झूठा है कि कोविड-19 की वैक्सीन लेने के बाद डेढ़ महीने तक संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है.

 

यह श्रृंखला क्विंट हिंदी और ख़बर लहरिया पार्टनरशिप का अंश है। लेख क्विंट द्वारा लिखा और रिसर्च किया गया है।