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बुंदेलखंड-ताल़ाब का गन्दा पानी कहीं छीन न ले लोगों की जिन्दगी - KL Sandbox
खबर लहरिया Blog बुंदेलखंड-ताल़ाब का गन्दा पानी कहीं छीन न ले लोगों की जिन्दगी

बुंदेलखंड-ताल़ाब का गन्दा पानी कहीं छीन न ले लोगों की जिन्दगी


जल ही जीवन है। जल है तो कल है। लेकिन जब जल न हो तो जीवन रुक सा जाता है पानी के किल्लत की समस्या देखनी है तो चित्रकूट जिले ग्रामपंचायत मंडौर के मजरा भिटरिया आइए जहाँ गाँव में बने तालाब का गन्दा पानी पीने के लिए लोग और जानवर भी मजबूर हैं। जी हाँ उसी तालाब का पानी जिसकी 15 सालों से सफाई नहीं हुई। वैसे सफाई न होना तो आजकल आम बात हो गई है नदी नाले गाँव की गलियां सब तो गंदे पड़े हैं तो ताल़ाब की सफ़ाई कैसे हो जाये भला!

दूषित जल से पनप रही बीमारियां


तालाब से पानी भर रही दिउली ने बताया कि तालाब का घाट बन जाये और इसकी सफाई हो जाये तो बहुत बड़ी समस्या दूर हो जाएगी। इस तालाब में काई और घास उगी है जिससे बीमारियाँ फैल रही हैं। निमोनियां, खुजली जैसी बीमारियाँ पनप रही हैं। ऐसी भयंकर बीमारियों का सामना करना पड़ता है कोई अधिकारी इधर आते नहीं हैं दरखास दिया था तब भी कोई सुनवाई नहीं हुई। लगभग आठ सौ आबादी जो पानी के लिए परेशान हैं क्योंकि तालाब का पानी पी लेते थे वह भी इतना दूषित हो गया है कि उसे पी नहीं सकते। एक कुआँ है जिसमें सांप बिच्छू का बसेरा है खुद से सफाई भी नहीं कर सकते। हैंडपम्प एक है जो पुराना हो गया है जिसमें से पानी नहीं निकलता है। बिगड़ जाये तो कोई बनवाता भी नहीं चंदा लगाकर बनवाया जाता है।

पानी जीवन नहीं मौत दे रहा

रामचंद ने बताया कि इस तालाब में पशुओ को पानी पिलाते हैं तो तालाब में उतरना पड़ता है फिसलने का डर बना रहता है। अगर पक्का घाट हो जाये तो बढ़िया होगा क्योंकि पूरे गाँव के लोग यही पानी पीते हैं। जिससे पुरे शरीर में बड़े-बड़े दाने निकल रहे हैं। चारों तरफ अच्छे से सफाई हो जाये पीने की आज़ादी हो जाये। कोई-कोई बूढी महिलाएं फिसल के गिर जाती हैं उन्हें उठाना पड़ता है।

विकास का वादा सिर्फ जुबान तक

बोधिया कहती हैं कि गंदे पानी में नहाती हूँ खजुली इतनी होती है की राहत नहीं होती। बुखार हो जाता है। भिटरिया में क्या है कुछ नहीं है। लोटन कहते हैं कि हम ऐसी जगह में हैं की कोई सुविधा नहीं मिलती। 15 साल पहले सफ़ाई हुई थी। अप्लिकेशन डाला है पर कोई सुनवाई नहीं हुई है।
नथिया देवी जो काफी गुस्से में थी कहती हैं कभी इस ट्यूबवेल तो कभी उस ट्यूबवेल दौड़ती हूँ कोई नहीं सुनता है। वोट के लिए सब आते हैं ताव दिखाते हैं। हर सुविधा दूंगा पर कोई विकास नहीं हुआ।