खबर लहरिया जासूस या जर्नलिस्ट महोबा में क्रेशर, माफिया और भ्रस्ट पुलिस की कहानी, जनर्लिस्ट सुनीता की जुबानी

महोबा में क्रेशर, माफिया और भ्रस्ट पुलिस की कहानी, जनर्लिस्ट सुनीता की जुबानी

दोस्तो आपने पुलिस के ऊपर आरोप तो खूब लगाएं होंगे, और सुने भी होंगे,पर ऐसे नही। जैसे कि इस घटना में आरोप लगाया गया है। मतलब आरोप के बाद तुरंत वही हुआ जिसका पीड़ित को डर था। तो दोस्तो इस वीडियो को अंत तक जरूर देखें। अगर हमारा वीडियो पसंद आये तो लाइक और दोस्तो के साथ शेयर जरूर करें।
दोस्तो मामला महोबा जिला के कबरई थाना क्षेत्र का है। जहाँ पर एक क्रेशर ब्यापारी इन्द्रकांत ने 6 सितम्बर को महोबा पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार के ऊपर 6 लाख रूपये घूस लेने का आरोप लगाया था। न दे पाने पर जान का खतरा बताया था। 9 सितम्बर को इन्द्रकांत प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करने वाले थे।
जिसमें पुलिस के खिलाफ अवैध वसूली और काले कारनामे उजागर करने के दावे किए थे। पर 8 सितम्बर को ब्यापारी गोली लगी घायल अवस्था मे पाया गया। इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया, हालात गंभीर होने की वजह से कानपुर मेडिकल रेफर कर दिया। कमलकांत त्रिपाठी ने बताया कि इन्द्रकांत त्रिपाठी क्रेशर ब्यापारी, और विस्फोटक पदार्थ की मैगजीन चलाते थे।
दो दिन पहले ही महोबा एसपी मणिलाल पाटीदार 6 लाख रुपये मांग रहा था। जब ब्यापार चलता था तो महीने में एसपी को रुपये देते थे। पर ब्यापार न चलने के कारण नही दे पाएं, इसलिए इन दोनों के बीच कुछ हो गया था। इसलिए उन्होंने महोबा एसपी से जान का खतरा ब्यक्त किया था।
साथ ही सुरेश सोनी और बीडी महाराज के द्वारा जानसे मारने की कोशिश की जाएगी। ये पोस्ट भी डाली थी। आज 8 सितंबर को दोपहर को हमे दूसरे ब्यक्ति के द्वारा सूचना दी गयी कि आपके चाचा की गाड़ी नहदौरा के पास खड़ी है। हम लोग गए तो देखा कि उनके गले मे गोली लगी है। खून बह रहा है।
हम लोग जल्दी से उनके गाड़ी लेकर जिला अस्पताल आये। भाई रविकांत ने आरोप लगाया कि हमारे भाई को गोली एसपी और दो माफियाओं के खिलाफ मरवाई है। जिससे वह पुलिस के कारनामे न खोल सके। गोली लगने से 7 दिन के भीतर ही उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई।
पुलिस रात को चोरी से आती है और उठाने की कोशिश करती है। कोई भी नेता मिलने या सांत्वना देने आते है तो रोक लेती है। इस पूरे मामले को लेकर जब हमने अलग अलग लोगो से गोपनीय तरीके से बात की तो कुछ और ही निकल कर आया।
लोगो ने दबी जुबान में कहा की जिस हालात में इन्द्रकांत मिला है उस हालात को देखकर यही लग रहा है। इन्द्रकांत को गोली किसी ने नही मारी। जबकि उसने खुद से गोली मारी है। क्योंकि अगर कोई दूसरा ब्यक्ति गोली मारता तो एक गोली ही क्यों मारता कई गोली मार सकता था। जिससे उसकी मौके पर मौत हो जाती।
और गाड़ी में खून के छींटे भी होने चाहिए। ऐसे लग रहा था कि जैसे खड़ी गाड़ी में गोली मारी है। ये पूरी रची रचाई साजिश है। वो गोली सिर्फ दिखावे के लिए मारना चाहते थे, पर गोली किसी नश में लग गई जिससे उनकी मौत हो गई। क्योंकि एक आईपीसीएस अधिकारी ऐसी घटना नही कर सकता है।
एक हफ्ते से जांच चल रही है पर sit टीम को कुछ नहीं मिला। उन्ही के साथियों से पूछताछ कर रही है। कुछ लोगो ने यह भी कहा कि जब पुलिस इन्द्रकांत के तमंचे को मांग रही थी, परिवार वालो ने नहीं दिया। ये कोई ऐसी चीज नही जो कबाड़ में पड़ी होगी और मिली नही। कुछ लोग यह भी कह रहे थे कि इन्द्रकांत को 5 फिट दूर और पीछे से गोली मारी गई है।
अब सवाल ये उठ रहा है कि अगर इन्द्रकांत ने गोली खुद से मारी तो 5 फिट दूर और पीछे से गोली कैसे लगी, और गोली गाड़ी में ही कैसे मिली वो भी पीछे वाली सीट में। जब इन्द्रकांत को जान का खतरा था तो वह बाहर ऐसे कैसे घूम रहा था, और पोस्ट डालने के बाद तो उनका मोबाइल ऑफ था, और दो दिन के भीतर ही गोली क्यों मारी गई। आख़िर पुलिस किसी नेता से मिलने क्यों नहीं दे रही है, ये नाकाबन्दी किसके लिए है।
अपराधियो के लिए या अपनो के लिए। SIT टीम और पुलिस पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार और एसओ देवेंद्र शुक्ला से पूछताछ क्यों नही कर रही है।सवाल भी है कि आख़िर दो महीने इन्द्रकांत ने पूर्व एसपी को रूपये किस चीज का और क्यों दे रहा था। एक हफ्ता बीत जाने के बाद भी पुलिस और SIT टीम के हाथ खाली क्यों? आख़िर इन्द्रकांत की मौत का अपराधी कौन?पुलिस अधीक्षक या खुद और उनके हमदर्द।
क्या पुलिस कर पायेगी इन्द्रकांत की मौत का खुलासा, ये देखने के लिए बने रहिये हमारे साथ।दोस्तो अगर आपके पास इस घटना से जुड़े कुछ भी सवाल या जानकारी हो तो हमे कॉमेंट कर जरूर भेजे। हम अगले एपिसोड में शामिल करेंगे। अभी के लिए इतना ही अगले एपीसोड में फिर मिलेंगे नई जानकारी सुझाव सवालों के साथ। अभी के लिए दीजिये इजाजत नमस्कार