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प्रशासनिक व्यवस्था को ठेंगा दिखा रहा महिला घाट जमुना जी का पुल - KL Sandbox
खबर लहरिया Blog प्रशासनिक व्यवस्था को ठेंगा दिखा रहा महिला घाट जमुना जी का पुल

प्रशासनिक व्यवस्था को ठेंगा दिखा रहा महिला घाट जमुना जी का पुल

चित्रकूट जिले के यमुना जी का महिला घाट जो पिछले लगभग 10 सालों से टूटा पड़ा है इसको शीघ्र बनाये जाने की संस्थाओ ने कई बार मांग भी उठाई है लेकिन प्रशासन कोई सुनवाई नहीं कर रहा हैl 20 नवम्बर 2018 को माँ समया युवा ग्राम संसथान के कार्यकर्ताओं ने तहसीलदार और मुख्यमंत्री को सम्बंधित ज्ञापन सौंपा था।

 नदी में आई बढ़ से जान का खतरा

अभी की स्थिति यह है की यमुना जी में काफ़ी उफान आया है यात्रियों को आने जाने में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस पुल से अक्सर लोगों का कौशाम्बी जिला आना-जाना लगा रहता है। मऊ के रहने वाले मोतीलाल का कहना है कि 11 साल से पुल बन रहा है लेकिन अभी तक नहीं बना। इस समय यमुना जी बाढ़ गई हैं नाव से आने जाने में डर बना रहता है। यहाँ आकर बैठे रहते हैं धूप में नाव के इन्तजार में चार-चार घंटे बीत जाते हैं । प्यास लगे तो पानी की भी कोई व्यवस्था नहीं है। बस अड्डे जाना पड़ता है।

नाव की सवारी यात्रियों के लिए भारी

मोतीलाल जी आगे बताते हैं कि अगर पुल बना होता तो समय से अपने घर पहुँच जाते। अब जिसको 10 किलोमीटर पैदल जाना है 6 बजे नाव मिलेगी तो उजाले में घर कैसे पहुंचेगा। लगभग 3 हजार लोगों को नाव से पहुँचाना ऊपर से लोगों के हजारों वहां भी होते हैं जिससे बहुत टाइम लग जाता है। कौशाम्बी जिला की साग सब्जी भी मऊ आती है। अब ऐसा लगता है की इस सरकार में बनना बहुत मुश्किल है।
कुल्लू जो अपने किसी रिश्तेदार को नाव पर बिठाने आये थे उन्होंने बताया कि नाव छूट गई है अब तीन से चार घंटे इन्तजार करना पड़ेगा। पुल बन जाये तो सबकी समस्या दूर हो जाये। लेकिन सरकार कब इसपर ध्यान देगी पता नहीं। महिला घाट नदी के किनारे मौजूद लोग मायूस दिखे, क्योंकि उन्हें हर दिन इस समस्या से रूबरू होना पड़ रहा है या खुद भी झेलना पड़ रहा है।

सैकड़ो गाँव पुल की समस्या से परेशान

ये तो सिर्फ यमुना जी महिला घाट के पुल की बात नहीं है ऐसे कई गाँव हैं जहाँ ग्रामीण पुल न बनने की वजह से परेशान हैं। खबर लहरिया ने ऐसे सैकड़ों गाँवो का कवरेज किया है। जहाँ पुल नहीं बना है। जब बाढ़ आती है तो गाँव का गाँव बाढ़ की चपेट में आ जाता है। ये ग्रामीणों की समस्याएँ आखिर कब तक रहेंगी? 


ताजा उदाहरण की बात करूँ तो चित्रकूट जिले का छिवलहा गाँव जो 50 साल से बसा हुआ है यहां अभी तक पुल नहीं बना है लोगों को आने जाने में बहुत समस्या होती हैलोगों ने प्रशासन से पुल निर्माण करने की मांग की है

– ललिता