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पुलिस को लड़कियों के भविष्य की चिंता है या आरोपियों को बचाने की? देखिये जासूस या जनर्लिस्ट - KL Sandbox
खबर लहरिया जासूस या जर्नलिस्ट पुलिस को लड़कियों के भविष्य की चिंता है या आरोपियों को बचाने की? देखिये जासूस या जनर्लिस्ट

पुलिस को लड़कियों के भविष्य की चिंता है या आरोपियों को बचाने की? देखिये जासूस या जनर्लिस्ट

नमस्कार दोस्तों मैं हूं सुनीता प्रजापति लेकर आई हूं अपना शो जासूस या जर्नालिस्ट। दोस्तों बुंदेलखंड में लगातार अपराधों की संख्या बढ़ती जा रही हैं। रास्ते चलते महिलाओं के साथ रेप होते हैं। तो कहीं पर घर परिवार के लोग ही महिलाओ के साथ यौन शोषण, छेड़खानी करते हैं। इतना सब होने के बावजूद भी हमारी जिले की पुलिस प्रशासन पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए चक्कर कटवाती है।
दोस्तों अगर आपके पास भी ऐसी घटना है तो तो हमे भेजिए, हम उसे अपने शो में जरूर शामिल करेंगे। इस पूरी घटना को जानने के लिए बने रहे मेरे साथ जासूस या जर्नालिस्ट पर। दोस्तो मामला बाँदा जिले के एक गाँव का है। जहां पर दो चचेरी बहनों ने गाँव के ही अनिल और धर्मेंद्र नाम के लड़के के ऊपर 25 अगस्त को उनके साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया है।
पर पुलिस ने अभी तक कोई कार्यवाही नही की, जब पीड़ित न्याय के लिए एसपी की चौखट पर पहुँची और हमने जसपुरा थाना के इंचार्ज से बात कर मामले को जानना चाहा तो सीधे इस मामले पर कोई जानकारी न होने की बात कही। पीड़ित लड़की ने बताया कि 25 अगस्त को दादी की तेरहवीं थी। इसलिए वह अपने ससुराल से आई थी। वह शाम को एक घर से दूसरे घर खाना खाने जा रही थी। उसके साथ मे उसकी चचेरी बहन भी थी। दरवाजे की रास्ता में कीचड़ होने की वजह से दूसरे रास्ते से जा रही थी।
तभी धर्मेंद्र और अनिल रास्ते मे शराब पी रहे थे। हम लोगो को अकेला देख कर पकड़ लिया हमने चिल्लाने की कोशिश की तो अनिल तमंचा दिखाने लगा। धमकी दी कि अगर किसी को कुछ बताओगी या चिल्लाओगी तो जान से मार देंगे। इसलिए हम डर गए और हमने किसी को नहीं चिल्लाया मेरी बहन को पकड़ कर गाड़ी में बंद कर दिया और मुझे घर के अंदर ले गए हमारे साथ बलात्कार किया 3 घंटा तक हमें अंदर बंद किए रहे 3 घंटे बाद हमें कमरे से बाहर निकाला हमने डर की वजह से किसी को कुछ नहीं बताया यह सारी जानकारी हमने सुबह अपने घर में बताएं। इसकी दरखास लेकर हम जसपुरा थाना गए।
पर हमारी रिपोर्ट नही लिखी गई है। इस पूरे मामले को जब हमने और जानने की कोशिश की तो लोगो ने गोपनीय तरीके से बताया कि यह घटना की जानकारी लड़कियों ने किसी से नही बताई। यह घटना गाँव के कई लोगो ने देखा था। दूसरी बात लड़को ने रेप करते समय लड़कियों के वीडियो भी बनाये थे। कई लोगो ने यह वीडियो भी देखे हैं।
इस घटना की कानाफूसी पूरी गाँव मे हो रही थी। जब यह चर्चा पीड़ित परिवार को पता चली तो लड़की के साथ मारपीट करके पूछताछ की। लड़कियों ने इस घटना की कहानी बताई। तब जाकर थाने गए। धर्मेंद्र और अनिल के खिलाफ दरखास दी। इस मामले को लेकर जब हमने जसपुरा थाना इंचार्ज से बात की तो उन्होंने कहा कि हमे इस मामले की अभी कोई जानकारी नही है।
न ही पीड़ित हमारे पास आया है। अभी जानकारी हुई है कि एसपी के पास गए है। जैसे ही हमारे पास दरखास आयेगी, तो उसी आधार पर कार्यवाही की जाएगी। पर जब हमने सवाल पूछा की क्या कार्यवाही होगी। तो उन्होंने भड़क कर कहा कि जो कानून का प्रावधान है उसी आधार पर की जाएगी। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के अनुसार 2018 जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा लिंग से संबंधित अपराध है, जबकि देश में कुल अपराधों में मामूली वृद्धि हुई है।
इस साल की शुरुआत में जारी किए गए आंकड़ों में भी उत्तर प्रदेश को महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित माना गया है। जबकि मध्य प्रदेश में सबसे अधिक बलात्कार के मामले दर्ज किए गए। आंकड़ों के अनुसार, यूपी में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 59,445 मामले दर्ज किए, जबकि मध्य प्रदेश मे 2018 में 5,450 बलात्कार के केस दर्ज किए। 2018 में देश भर में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के 3,78,277 मामले सामने आए। अब सवाल ये उठ रहा है कि आख़िर क्यों उत्तर प्रदेश महिला हिंसा में आगे रहता है।
अगर पीड़ित के साथ कोई घटना होती है तो पहले पास के पुलिस चौकी या थाना जाता है, पर यहां के दरोगा जी ने कहा कि पीड़ित आया ही नही ऐसे कैसे हो सकता है। आख़िर पुलिस प्रशासन क्यों बनाया गया है, पीड़ित को न्याय देने या अपराधियो के हौसले बुलंद करने के लिए। पुलिस को लड़की के ससुराल भेजेने और शादी करने की चिंता है, पर उसके साथ क्या घटना घटी उसकी कोई परवाह, इस घटना से उस पीड़ित को क्या सहना और झेलना पड़ेगा इसका जिम्मेदार कौन होगा।
जब हमारी रक्षक ही रक्षा करने से कतरा रही है तो हिंसा क्यों न बढ़े, अपराधियो के हौसलें क्यों बुलंद न हो। अगर हम ये कहे कि महिला हिंसा बढ़ने में पुलिस प्रशासन का अहम रोल है तो गलत नहीं होगा। क्योंकि अपराध को रोकने की जगह बढ़ावा देने का काम पुलिस बखूबी तरीके से करती है। तो दोस्तो ये थी हमारी आज की जासूसी भारी कहानी, आपके इस केस या पुलिस की कार्यवाही से जुड़े कोई सवाल हो तो हमे कॉमेंट करके जरूर बताये। तो अभी के लिए इतना ही अगले एपिसोड में फिर मिलते है नए केस के साथ। दीजिये इजाजत नमस्कार