रायबरेली के लालगंज में पुलिस कस्टडी में एक युवक की पिटाई से मौत होने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। मृतक के परिजन का आरोप है कि पुलिस की पिटाई की वजह से युवक मोहित की मौत हुई है। मृतक को उसके भाई के साथ पुलिस 26 अगस्त को उसके घर से उठा लाई थी। युवक की मौत होने के मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक स्वप्निल ममगाईं ने संबंधित थाना प्रभारी निरीक्षक हरिशंकर प्रजापति को निलंबित कर दिया है।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार रायबरेली के लालगंज कोतवाली क्षेत्र के बेहटा कला गांव के पूरे बैजू गांव निवासी मोहित व उसके भाई सोनू को पुलिस 26 अगस्त की रात घर से ले गई थी। हवालात में पुलिस ने मोहित की जमकर पिटाई की। वहीं, सोनू को 28 अगस्त को छोड़ दिया और मोहित को अपनी हिरासत में रखा। इसी दौरान शनिवार 29 अगस्त को मोहित की तबियत बिगड़ने पर उसे इलाज़ के लिए जिला अस्पताल लाया गया जहां उसकी मौत हो गई।
एसपी ने बतायी मौत की वजह
पुलिस अधीक्षक स्वप्निल ममगई ने बताया कि लालगंज पुलिस मोटरसाइकिल चोर गिरोह को पकड़ने के लिए काम कर रही थी और करीब 10-11 मोटरसाइकिल बरामद हुई थी। इस मामले में चार आरोपियों के नाम मोहम्मद जैनुद्दीन, मोहम्मद अनस, सुमित यादव और अंकित यादव के नाम सामने आए थे। उनसे पूछताछ में 19 वर्षीय मोहित उर्फ मोनू का नाम भी सामने आया था। शनिवार 28 अगस्त की रात मोनू की तबियत अचानक खराब होने लगी और उसने पेट दर्द की शिकायत की जिसके बाद उसे लोकल डॉक्टर को दिखाया गया। रविवार सुबह तबियत ज्यादा बिगड़ गई जिसके कारण जिला अस्पताल रेफर किया गया। जिला अस्पताल में उसे निमोनिया बुखार और ऑक्सीजन लेवल कम होने के लक्षण थे लेकिन शारिरिक रूप से मारपीट और चोट के लक्षण नही थे। लेकिन उसकी मौत रविवार 11 बजे हो गयी।
इस घटना के सिलसिले में मोहित की मां राजपती ने एक शिकायती पत्र पुलिस के विरुद्ध दिया है। शिकायती पत्र में लिखे आरोपो की जांच जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी को सौंपी है तथा पुलिस अधीक्षक ने भी अपर पुलिस अधीक्षक नित्यानंद राय को सम्बंधित आरोपो की जांच सौंपी है। उन्होंने बताया कि शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है और रिपोर्ट आने के बाद, उसके आधार पर दोषियों के विरुद्ध आगे कार्रवाई की जाएगी।
मृतक के भाई सोनू ने दिया बयान
मृतक के भाई सोनू ने बताया कि पुलिस हम दोनों भाइयों को थाने ले गई थी। जबकि हम लोग पुलिस से पूछते रहे कि हमारा कसूर क्या है लेकिन पुलिस ने गाली गलौज करते हुए गाड़ी में बैठा लिया। जबरदस्ती थाने ले गए हमको तो छोड़ दिया, लेकिन मेरे भाई को पुलिस ने थाने में रोक रखा। उसकी बहुत पिटाई की गई, जिससे उसकी मौत हो गई। मेरा भाई ई-रिक्शा चलाता था। पुलिस ने हम लोगों के ऊपर मोटरसाइकल चोरी का आरोप लगाया था, जबकि यह पूरी तरह से गलत है।
ग्रामीणों ने किया सड़क जाम
मोहित की मौत के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया और उसके परिजनों ने पुलिस की पिटाई की वजह से उसकी मौत होने का आरोप लगाया है, साथ ही नाराज परिजनों व सैकड़ों ग्रामीणों ने घंटों रोड जामकर दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग करते रहे। वहीं, जैसे ही अंधेरा हुआ पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया जिससे नाराज ग्रामीणों ने जमकर तोड़फोड़ की। मामले को बढ़ता देख कई थानों की फोर्स मौके पर लगा दी गई है।