KL Sandbox

लखीमपुर खीरी में गला रेतकर छात्रा की हत्या

Murdered girl by strangling

कानून की लचर व्यवस्था और पुलिस तंत्र की संवेदनहीनता के चलते उत्तर-प्रदेश की बहू-बेटियों की जिंदगी असुरक्षित है। जिसका जीता जागता उदाहरण लखीमपुर खीरी में देखने को मिला है। बताया जा रहा है कि सोमवार 24 अगस्त की शाम पास के ही एक गाँव में ऑनलाइन फ़ार्म भरने गई एक छात्रा की गला रेतकर हत्या कर दी गई है। 10 दिन के अंदर हुई दूसरी ऐसी घटना |

क्या है पूरा मामला? 

मामला लखीमपुर खीरी के नीमगांव थाना क्षेत्र के एक गांव का है। बताया जा रहा है की इंटरमीडिएट में एडमिशन के लिए छात्रा सोमवार की शाम घर से निकली थी लेकिन वापस नहीं आई। घर वाले सारी रात उसे ढूंढते रहे, लेकिन लड़की नहीं मिली। पुलिस के मुताबिक मंगलवार यानि 25 अगस्त की सुबह गांव से एक किलोमीटर दूर उसकी बॉडी मिली है। लड़की का गला रेता हुआ है और उसके कपड़े अस्त-व्यस्त थे। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। 

दोषियों को मिले सजा 

परिवार वालों का आरोप है कि उनकी लड़की अपने इंटरमीडियट क्लास का फार्म भरने के लिए घर से निकली थी उसके बाद वह वापस नहीं आई। पुलिस अधीक्षक सतेन्द्र कुमार सिंह का कहना है की सूचना मिलने के बाद वह मौके पर पहुंचे हैं। जाँच के बाद मौत का कारण स्पस्ट हो पायेगा। फिलहाल पुलिस हर दिशा में काम कर रही है। जल्द से जल्द दोषियों को गिरफ्तार कर कार्यवाई की जाएगी।  

हफ्ते भर में हुई दो घटनाएँ

समाचार पत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इसके पहले 16 अगस्त को भी लखीमपुर खीरी से ही एक ऐसा मामला सामने आया था। यहां पर एक 13-वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार और उसकी हत्या करने का मामला सामने आया था। पुलिस ने पीड़िता का शव गन्ने के खेत से बरामद किया था। इस केस में छात्रा के साथ गलत काम और उसके बाद हत्या की गई थी। मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था।

हर दिन बढ़ रहा अपराध का ग्राफ 

उत्तर प्रदेश में महिला अपराध से जुड़े मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार हर दो घंटे में बलात्कार का एक मामला उत्तर प्रदेश में दर्ज हो रहा है। आंकड़ों पर गौर करें तो 2018 में बलात्कार के 4,322 मामले दर्ज किए गए थे। राज्य में महिलाओं के खिलाफ 59,445 अपराध दर्ज किए गए हैं, जिनमें रोजाना 62 मामले सामने आए हैं। यह 2017 में 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जब कुल 56,011 अपराध दर्ज किए गए थे। फिलहाल एनसीआरबी ने 2018 के बाद कोई भी अपराध का आंकड़ा नहीं जारी किया। हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा तीन साल में जारी किए आंकड़ों में अपराध कम होना बताया गया हैं।

– ललिता

Exit mobile version