सीजहरी मसनी के लिए पहले उनके खेतों से 4 गांठे का खड़ंजा बिछा था और रास्ता बनी थी अब 6 गांठा जमीन लेकर के रोड बनाई जा रही है जिससे उनकी काफी जमीन जा रही हैं इसलिए वह परेशान है और उन्होंने इस मामले की दरखास्त भी नरैनी एसडीएम को लगभग 15 दिन पहले दी थी और काम रुकवाने और नाप कराने की मांग की थी|
किसानों का कहना है कि वह दो ढाई बीघे के छोटे काश्तकार हैं उनको वह जमीन पट्टे में बहुत पहले मिली थी जिससे अपना गुजर-बसर करते थे अब उनके बीच खेत से सड़क निकाली जा रही है जिससे उनका बहुत नुकसान हो रहा है और खेत भी पूरी तरह बर्बाद हो रहे हैं वह चाहते हैं कि किनारे से रास्ता निकाली जाए विकास के लिए वह मना नहीं कर रहे हैं |
लेकिन अगर किनारे से निकाली जाएगी तो कुछ हिस्सा उनकी जमीन का जाएगा और कुछ जो अगल-बगल खेत है उनसे ले ले तो वह रास्ता बनाने देने के लिए तैयार है अन्यथा उनकी जमीन पूरी तरह बर्बाद हो जाएगी बीच खेत से रास्ता निकलने से वह उस जमीन में कैसे फसल तैयार कर पाएंगे और अगर उनकी वह खेती भी चली गई तो वह भुखमरी की कगार में आ जाएंगे |
इसलिए वह चाहते हैं कि इस पर रोक लग जाए उनका यह भी कहना है कि यह सढा़ प्रधान के मिलीभगत से रोड बन रही है| सढा़ प्रधान रामकिशोर के बेटे सुरेश का कहना है कि वह सड़क उनके स्तर से नहीं बन रही है पीडब्ल्यूडी से बन रही है क्योंकि सर्जरी आदर्श ग्राम है सड़क बनने से पहले किसानों से बातचीत भी हुई थी उसमें उनका कोई रोल नहीं है|
इस बारे में किसानों ने जब दरखास दी है तो वहां लेखपाल नापने के लिए गया था और प्रधान भी मौजूद था अगर उन्हें अपने खेतों से सड़क बनाने दिक्कत है तो पीडब्ल्यूडी विभाग से बात करें सढा़ कानूनगो का कहना है कि पीडब्ल्यूडी से उनको लेटर आया था और उसी लेटर के आधार पर उन्होंने वहां पर नाथ की है नात में पाया गया है कि पहले से ही वहां पर खनन जैसे रास्ता बनी हुई है गिट्टी पड़ी अब उसका डामरीकरण हो रहा है कि यह मानते हैं कि किसानों की जमीन जा रही है लेकिन किसानों को जब पहले रास्ता बनी हुई थी तब रोक लगानी चाहिए थी अब तो वहां रास्ता दिखाई दे रही है|
बाँदा: खेत के बीच से निकाली जा रही सड़क के विरोध में उतरे किसान
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