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महिला डॉक्टर की हत्या से एक बार फिर दहला उत्तर प्रदेश - KL Sandbox
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महिला डॉक्टर की हत्या से एक बार फिर दहला उत्तर प्रदेश

आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज के स्त्री रोग विभाग की पीजी की छात्रा डॉ. योगिता गौतम की मौत से फिर पूरा उत्तर प्रदेश दहल गया. 19 अगस्त की सुबह  फतेहाबाद हाई वे पर बमरौली कटारा क्षेत्र में उसकी लाश मिली।  इस मामले में आरोपी डॉ विवेक तिवारी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

क्या थी घटना

मिडिया रिपोर्ट के अनुसार डॉ. योगिता गौतम के अचानक लापता होने के बाद। उनके भाई डॉ. मोहिंदर कुमार गौतम ने योगिता के अपहरण का केस एमएस गेट थाने में दर्ज कराया था। उन्होंने जालौन में तैनात मेडिकल ऑफिसर डॉ. विवेक तिवारी पर शक जताया था। बाद में एक युवती की कुचली हुई लाश पुलिस को बमरौली कटारा डौकी के पास पड़ी मिली थी। लोअर-टीशर्ट पहनी युवती के शव के पास ही स्पोर्ट्स शूज (दौड़ने वाले जुटे ) पड़े थे। जांच में युवती के पास पुलिस को पहचान पत्र मिला था।
Yogita Gautam
जिससे उसकी पहचान डॉक्टर योगिता के तौर पर हुई थी। पुलिस ने आरोपी विवेक तिवारी को गिरफ्तार कर लिया है और उसने भी  हत्या की बात कबूल कर ली है। डॉ विवेक ने पुलिस को बताया कि उसने पहले योगिता के सिर में पीछे गोली मारी और उसके बाद चाकू से भी प्रहार किया था। खून से सना चाकू पुलिस को डॉक्टर विवेक की कार से मिल गया था। रिवॉल्वर बरामदगी के लिए एक टीम कानपुर भेजी गई है। हत्यारोपी विवेक के पिता डिप्टी एसपी के पद से रिटायर हुए थे और हत्या में इस्तेमाल की गई लाइसेंसी रिवॉल्वर उनकी ही थी।

क्या थी योगिता और विवेक की कहानी

विवेक ने पुलिस को दिए ब्यान में बताया कि वो योगिता से बेहद प्यार करता था और पिछले सात साल से उनके बीच गहरी दोस्ती थी। उसकी पहचान  डॉ . योगिता से एमबीबीएस करने के दौरान हुई थी। मुरादाबाद के तीर्थकर महावीर मेडिकल कॉलेज में दोनों ने पढ़ाई की। डा. विवेक योगिता से एक साल सीनियर था।
Yogita Gautam
विवेक तिवारी के मुताबिक, “हम दोनों पहले शादी भी करना चाहते थे, लेकिन बहन नेहा की शादी न होने की वजह से मैंने बाद में शादी करने की बात कही थी। इससे योगिता को लगता था कि मैं उसे धोखा दे रहा हूं। एक साल पहले योगिता ने शादी से इनकार कर दिया था। उस समय हमारे बीच काफी झगड़ा हुआ था, लेकिन मैंने जैसे-तैसे उसे मना लिया था। बीच-बीच में हमारे बीच काफी झगड़ा हुआ करता था। कुछ दिन पहले योगिता ने बात करनी बंद कर दी थी और साफ बोल दिया था कि मैं कभी मिलने की कोशिश न करूं।”
18 अगस्त को दिन में उसकी योगिता से कई बार बात हुई और इन बातचीतों के दौरान उसने कहा कि मैं आखिरी बार मिलना चाहता हूँ। इसके बाद उनके बीच कोई रिश्ता नहीं रहेगा। इस पर योगिता मिलने के लिए तैयार हो गई। वह कार से आया और सीधे नूरी गेट पहुंचा। योगिता पैदल घर से बाहर आई और उसकी कार में बैठ गई। दोनों के बीच कार में झगड़ा शुरू हो गया।
फतेहाबाद रोड आते ही उसने योगिता के जोर का घूंसा मारा। वह सिर नीचे करके बैठ गई। इसी दौरान पीछे से उसके सिर में गोली मार दी। कार को फतेहाबाद मार्ग पर चलाता गया। वह बच नहीं जाए इसलिए चाकू से भी प्रहार किया।
उसके बाद शव को बमरौली कटारा में फेंक कर भाग गया।हत्या के बाद वह सीधे उरई लौट आया। रात में ही कार को कानपुर रखकर आया। दूसरे दिन फिर उरई आ गया। पिता की रिवाल्वर किदवई नगर, कानपुर स्थित घर में ही छिपाई है।

पुलिस के अनुसार आरोपी ने हत्या करना कबूल कर लिया है। उससे अन्य साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।