खबर लहरिया Blog सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा

सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार उपद्रवियों और दंगाइयों पर सख्त नजर आ रही है। यूपी सरकार ने साफ किया है कि सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा और ऐसे लोगों से नुकसान की वसूली कर भरपाई की जाएगी। 19 अगस्त की सुबह योगी आदित्य नाथ ने ट्वीट कर लिखा “‘ उत्तर प्रदेश को अराजकता स्वीकार नहीं है। सार्वजनिक अथवा निजी संपत्ति को क्षति पहुंचाने वाले दंगाइयों और उपद्रवियों से वसूली सुनिश्चित की जाएगी। सतर्क उत्तर प्रदेश, सुरक्षित उत्तर प्रदेश।

इसके आलावा एक दूसरा ट्वीट कर महाभारत के श्लोक के साथ लिखा

“”दण्डः शास्ति प्रजाः सर्वा दण्ड एवाभिरक्षति
दण्डः सुप्तेषु जागर्ति दण्डं धर्म विदुर्बुधाः।।
उ.प्र.लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली नियमावली 2020′ के अनुसार लखनऊ व मेरठ में शीघ्र ही संपत्ति क्षति दावा अधिकरण गठित किया जाएगा। नया उत्तर प्रदेश है, उपद्रवियों से सख्ती से पेश आएगा।


आपको बता दें कि इस श्लोक का मतलब है ” अपराधियों को नियंत्रण में रखने के लिए दंड की व्यवस्था हर प्रभावी एवं सफल शासकीय तंत्र का आवश्यक अंग होती है । यही दंड है जो प्रजा को शासित-अनुशासित रखता है और यही उन सबकी रक्षा करता है । यही दंड रात में जगा रहता है और इसीलिए बुद्धिमान लोग दंड को ही धर्म कहते हैं ।”

क्या है निजी सम्पत्ति क्षति वसूली नियमावली 2020

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में लोक तथा निजी सम्पत्ति क्षति वसूली नियमावली 2020 के प्रावधान है। इसके तहत जब  जेहाद और धर्म के नाम पर मज़हबी कट्टरपंथी सड़कों पर आम नागरिकों की संपत्ति को क्षति पहुँचाते हैं और सरकारी संपत्ति में तोड़ फोड़ करते हैं। तो उनसे उस सम्पत्ति का हर्जाना लिया जाएगा और उन्हें दिया जाएगा जिनकी सम्पत्ति का नुकसान हुआ है |
इसके लिए  मुख्यमंत्री ने लिए दावा अधिकरण  का गठन( एक कमेटी जहाँ लोग अपनी संपत्ति के नुकसान का दावा कर सकते है या अपने ऊपर लगे संपत्ति नुकसान के आरोपों की सफाई दे सकते है )  किया है। इसमें कोई भी व्यक्ति क्षति पहुँचाई गई संपत्ति का दावा पेश कर सकता है।

लखनऊ और मेरठ में लोग कर सकते हैं दावा

अभी लखनऊ मंडल के दावा अधिकरण के कार्य क्षेत्र में झांसी, कानपुर, चित्रकूट, लखनऊ, अयोध्या, देवी पाटन, प्रयागराज, आजमगढ़, वाराणसी, गोरखपुर, बस्ती और विन्ध्याचल मंडल की दावा याचिकाएं स्वीकार की जाएंगी। वहीं, मेरठ मंडल के दावा अधिकरण के कार्यक्षेत्र में सहारनपुर, मेरठ अलीगढ़, मुरादाबाद, बरेली, आगरा मंडल की दावा याचिकाओं का विचार किया जाएगा। इस दावा अधिकरण को सिविल न्यायालय की सभी शक्तियां प्राप्त होंगी और वह उसी रूप में काम करेगा।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां इस तरह के अधिकरण का गठन किया गया है। दंगाइयों या उपद्रवियों को अपनी बेगुनाह का सबूत दावा अधिकरण में देना होगा । आपको बता दें कि पिछले साल दिसंबर में प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सीएए कानून के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शन में सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान पर राज्य सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। सरकार ने दंगाइयों से इस संपत्ति के नुकसान की भरपाई के लिए एक अध्यादेश लागू किया है। इसके तहत दावा अधिकरण के गठन का भी प्रावधान किया गया है।