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क्या सरकार ने दिखाए लोगो को झूठे घर के सपने? - KL Sandbox
खबर लहरिया Blog क्या सरकार ने दिखाए लोगो को झूठे घर के सपने?

क्या सरकार ने दिखाए लोगो को झूठे घर के सपने?

घर हर एक व्यक्ति की मूल आवश्यकता है। अर्थशास्त्री कहते है कि किसी भी व्यक्ति को जीवन जीने के लिए तीन चीज़ो की ज़रुरत होती है , रोटी, कपड़ा और मकान। जिस व्यक्ति के सर के ऊपर छत हो , वह उसकी आस लेकर अपनी और ज़रूरतों को पूरा करता है। खाली आसमान के नीचे रहने वाले व्यक्ति को हमेशा छत की तलाश रहती है , जिसे हम मकान कहते है। मकान से बनता है घर। घर व्यक्ति को एक संतुष्टि और एक साहस देता है। जहां उसे सुरक्षा मह्सूस होती है। जीवन जीने का हौसला मिलता है। बढ़ती आबादी और गरीबी में लोगो के पास तो पैसा है और ना ही काम , जिससे की वो अपने लिए घर बना सके। लोग सड़को के किनारे फुटपाथ और गन्दी जगहों पर रहने के लिए मज़बूर है। जहां पर वह कभीभी बीमार पड़ सकते है। बरसात के मौसम में लोगो का और भी ज़्यादा बुरा हाल होता है।  ऐसे में लोग सर छुपाने के लिए कहाँ जाए। 

प्रधानमंत्री आवास योजना

PM aavaas yojna
हर एक व्यक्ति के पास अपना घर होइस सपने को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 जून 2015 कोप्रधानमंत्री आवास योजनाकी शुरुआत। इस योजना की शुरुआत सबसे पहले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने 1985 से 1986 में की थी। सरकार के अनुसार यह योजना इंदिरा गाँधी आवास योजना का बेहतर रूप है। यह योजना केंद्र सरकार द्वारा लागू की गयी है। इस योजना के तहत बीपीएल और कम आय वर्ग के लोगो को अपना घर बनाने के लिए सरकार धन के रूप में मदद करेगी। जिससे की सबके पास रहने के लिए अपना घर हो। गाँवों और शहरों में लोग इस योजना की वजह से सस्ते में घर बनवा सकते है।  लेकिन गाँव और शहर दोनों जगह घर बनाने के लिए अलगअलग नियम बनाये गए है।
इस योजना के तहत जो पहली बार घर खरीदेगा उसे क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम दी जाएगी। यानी घर खरीदने के लिए होम लोन पर ब्याज सब्सिडी दी जाएगी। यह सब्सिडी अधिकतम 2.67 लाख रुपये तक हो सकती है।

स्कीम की तारीख बढ़ने से रोजगार के अवसर पैदा होंगे


देश की अर्थव्यवस्था को देखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम को एक साल और बढ़ाने का फैसला लिया। जिसे की 2017 में लागू किया गया था। 2020 में यह स्कीम खत्म होने वाली थी जिसे की अब मार्च 2021 तक बढ़ा दिया गया है। वित्त मंत्री के अनुसार जिसकी सालाना आय 6 से 8 लाख के बीचब में है , वह इस योजना का लाभ उठा सकते है।
इस स्कीम का अब तक 3.3 लाख लोगों को फ़ायदा मिला है।  सरकार कहना है कि स्कीम की तारीख बढ़ने से 2. 5 लाख और लोगो को फ़ायदा मिलेगा। वित्त मंत्री का कहना है कि इससे हाउसिंग सेक्टर में लकभग 70 हज़ार करोड़ का निवेश होगा। जिससे की रोज़गार के अवसर पैदा होंगे। 

क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम क्या है?

इस स्कीम के ज़रिए सरकार की कोशिश है कि शहरों में रहने वाले गरीबो को अपना घर मिले। स्कीम को आय के अनुसार बांटा गया है।  जैसेमिडिल इनकम ग्रुप इसे भी दो भागो में बांटा गया है।  पहला जिनकी सालाना आय 6 से 12 लाख है , जिन्हे  मिडिल इनकम ग्रुप-1 का नाम दिया गया है। इसमें लोग 9 लाख तक होम लोन ले सकते है। जिसकी इंटरेस्ट सब्सिडी 4 फीसदी रहेगी। लोन की समय सीमा 20 सालों तक होगी। दूसरा है, मिडिल इनकम ग्रुप-2 , जिनकी सालाना आय 12 से 18 लाख है। इसमें लोगों को 12 लाख तक का होम लोन मिल सकता है।  इंटरेस्ट सब्सिडी 3 फीसदी रहेगी। इसमें भी लोन भरने की समय सीमा 20 साल रहगी।

योजना के तहत किन लोगो को मिलेगा लाभ


प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 31 मार्च 2022 तक दो करोड़ घरो को बनाने का लक्ष्य सरकार ने किया है। आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगो के लिए यह योजना बहुत फायदेमंद है। लाभ मिलने वाले लोगो को तीन भागो में बांटा गया है। आर्थिक रूप से कमज़ोर लोग, माध्यम वर्ग और निम्न वर्ग।
1) आर्थिक रूप से कमज़ोर लोग जिनकी साल की आय 3 लाख से कम हो।
2) निम्न आय वर्ग के लोग जिनकी सालाना आय 3 लाख से 6 लाख रूपए हो। 
3) माध्यम वर्ग के लोग जिनकी एक साल की आय 6 लाख से 12 लाख रूपए हो। 
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, और अन्य पिछड़े वर्ग के लोग भी इस योजना का फ़ायदा उठा सकते है। लेकिन योजना का लाभ उन्हें ही मिलेगा जिनके पास अपना कोई घर नहीं है। साथ ही जिसने केंद्र या राज्य द्वारा दी गयी किसी भी लाभ का फ़ायदा उठाया हो।  अगर किसी व्यक्ति ने इन दोनों में से किसी भी चीज़ का लाभ उठाया है तो उसे प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

पीएम आवास योजना के नाम पर फ़र्ज़ी फॉर्म

जब भी कोई स्कीम सरकार की तरफ से निकलती है तो उसकी ज़्यादा हलचल हमे गाँवों में देखने को मिलती है। गाँवो में रहने वाले अधिकतर लोगो को स्कीम की ज़्यादा जानकारी नहीं होती है। कम जानकारी होने की वजह से उन्हें कोई भी आसानी से मूर्ख बना देता है। यूपी के गौतमबुधर नगर जिले के दनकौर गाँव में भी ऐसे ही दो लोगो को फ़र्ज़ी फॉर्म भरवाते हुए पकड़ा गए था।
जो प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर हर एक व्यक्ति से फॉर्म भरने के लिए 200 रुपए ले रहे थे। ऐसे ही करतेकरते दोनों व्यक्तियों से 28 लोगो से 5800 रुपए हड़प लिए।  नवभारत टाइम्स की 26 जनवरी 2020 की रिपोर्ट कहती है  बीजेपी के प्रधानमंत्री जन कल्याणकारी प्रचारप्रसार संगठन के जिला उपाध्यक्ष जगन ठाकुर ने यह बात पुलिस को बतायी। जब संगठन के बड़े अधिकारीयों ने फार्म भरवाने वालो से उनकी आईडी मांगी तो वह भाग गए। पुलिस अधिकारी अखिलेश ने दोनों व्यक्तियों को पकड़ लिया है और इस मामले पर जांच की जा रही है।
आखिर में सवाल यह है कि सरकार ने स्कीम तो लागू कर दी , पर क्या सभी लोगो को इसकी जानकारी है। शहरों में तो लोग चीज़ो के बारे अधिक जागरूक होते है लेकिन गाँवों में ऐसा नहीं होता। वहां लोगो को आसानी से किसी भी चीज़ के लिए मूर्ख बनाना आसान है , क्यूंकि उन्हें चीज़ो के बारे में पता नहीं होता।
उन्हें जो कोई जो भी कहेगा , वह उसे ही सच मान लेंगे। दूसरी बात यह भी है कि क्या सरकार के वादों के अनुसार लोगो को मकान की सुविधा मिली है या नहीं। अगर मिली भी है तो कितने को। तो इसके बारे में अभी तक कोई आंकड़े आए है और ही सरकार ने इस पर कुछ कहा है। अभी भी लोग हर प्रकार की जानकारी से अनजान है। सरकार लोगो तक सही जानकारी पहुंचाने के लिए क्या कर रही है। सिर्फ आवास और रोज़गार की स्कीम्स से तो लोगो को घर मिलेगा और ही रोज़गार।