खबर लहरिया Blog आजमगढ़ में ग्रामप्रधान की गोली मारकर हत्या पर बढ़ा बवाल

आजमगढ़ में ग्रामप्रधान की गोली मारकर हत्या पर बढ़ा बवाल

आजमगढ़ जिले के तरवां थाना क्षेत्र के बांसगांव ग्राम प्रधान सत्यमेव जयते उर्फ पप्पू राम की शुक्रवार यानी 14 अगस्त की शाम को गोली मारकर हत्या करने का मामला सामने आया है। बाइक सवार बदमाशों ने 42 वर्षीय ग्राम प्रधान को घर से बुलाकर गोली मारी। पुलिस और पब्लिक की भगदड़ में 8 साल के एक बच्चे की मौत हो गई। नाराज भीड़ ने कई गाड़ियों के साथ ही बोंगरिया पुलिस चौकी में आगजनी भी की। कई थानों की फोर्स और पीएसी जवान तैनात हैं। घटना के मुख्य आरोपी त्रिवेणी सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है बाकी तीन आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश जारी है।

जानिए क्या है पूरा मामला?

बताया जा रहा है कि तरवां थाना क्षेत्र के बांस गांव के ग्राम प्रधान सत्यमेव जयते उर्फ पप्पू राम शुक्रवार को गांव के बाहर स्थित एक निजी स्कूल के पास से जा रहे थे इसी दौरान गांव के ही विवेक सिंह और सूर्यांश दुबे जो उसके दोस्त हैं, उसे दावत के बहाने अपने साथ ट्यूबेल पर ले जाते हैं यहां पर किसी बात को लेकर दोनों के बीच कहासुनी हुई और दोनों ने मिलकर ग्राम प्रधान को गोली मारकर उनकी हत्या कर दी और इसकी जानकारी खुद ग्राम प्रधान के घरवाले को दी और फरार हो गये ग्राम प्रधान की हत्या की जानकारी के बाद ग्रामीण आक्रोशित हो गये उन्होने सड़क जाम कर प्रदर्शन कियातोड़फोड़ के साथ कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया

क्या नागवार गुजरा ठाकुर और ब्राह्मण को प्रधान का सिर उठाकर चलना?

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक ग्राम प्रधान के परिजन ने गांव के ठाकुर और ब्राह्मण सवर्णों पर आरोप लगाया है कि उन्हें एक दलित प्रधान का उनके सामने ही सिर ऊंचाकर चलना नागवार गुजर रहा था। जी-हुजूरी ना करने के अलावा कुछ अन्य बातें भी रहीं। परिजन का कहना है कि बीते कुछ समय से हमने मेहनत से 15 बीघा जमीन खरीद ली थी। इसके साथ ही आरोपियों में से एक की जमीन पर सड़क निर्माण को लेकर भी पुरानी खुन्नस थी।

जब छावनी में बदल गया था पूरा क्षेत्र

समाचार पत्रों के मुताबिक घटना के दूसरे दिन भी पूरा क्षेत्र पुलिस छावनी में तब्दील रहा। दिन भर आलाधिकारी जहां गस्त करते रहे तो वहीं पुलिस व पीएसी के जवान भी दिन पर तैनात रहे। गांव के साथ ही आसपास के बाजारों में भी पुलिस व पीएसी के जवानों को तैनात किया गया था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लिया है अनुसूचित जाति/जनजाति एक्ट के तहत मिलने वाली सहायता के अलावा दोनों मृतकों के लिए 5-5 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया गया है वहीं अपराधियों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई कर उनकी संपत्ति जब्त करने और एनएसए (रासुका यानी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) लगाने के निर्देश दिए गए हैं सीएम के आदेश पर थानाध्यक्ष और चौकी प्रभारी को निलंबित कर दिया है
राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम-1980 के तहत अगर सरकार को लगता है कि कोई भी व्यक्ति कानून व्यवस्था में अड़चन पैदा कर रहा है, तो उसके खिलाफ एनएसए या रासुका लगाया जा सकता है। इसके अलावा अगर सरकार को लगे कि किसी जरूरी सेवा की आपूर्ति में कोई भी व्यक्ति बाधा डाल रहा है, तो उसके खिलाफ भी रासुका (एनएसए) लगाया जा सकता है। 

योगी राज में हो रहा दलितों पर जुल्म-मायावती

बसपा सुप्रीमो मायावती ने 15 अगस्त को ट्वीट किया, ”आजमगढ के बांसगाँव में दलित प्रधान सत्यमेव जयते पप्पू की स्वतंत्रता दिवस की पूर्वसंध्या में नृशंस हत्या व एक अन्य की कुचलकर मौत की खबर अति-दुःखद।” मायावती ने कहा, ”यूपी में दलितों पर इस प्रकार की हो रही जुल्म-ज्यादती व हत्या आदि से पूर्व की सपा व बीजेपी की वर्तमान सरकार में फिर क्या अन्तर रह गया है?”