खबर लहरिया Blog भारी बारिश से जलमग्न हुई मुंबई: मौसम विभाग से है एलर्ट जारी

भारी बारिश से जलमग्न हुई मुंबई: मौसम विभाग से है एलर्ट जारी

Mumbai submerged due to heavy rain: Alert continues from Meteorological Department
देश में एक तरफ कोरोना महामारी से हाहाकार मचा हुआ है वहीँ दूसरी तरफ बाढ़ और बारिश ने अपना कहर बरपा रहा है। बिहार और असम तो पहले से ही बाढ़ से जूझ रहे थे वहीँ दूसरी तरफ मुंबई में 3 अगस्त की बारिश ने कोहराम मचा दिया। तेज बारिश के कारण शहर के निचले इलाकों में पानी भर चुका है।

भरी जल भराव से यातायात ठप

भारी बारिश के कारण मुंबई में सभी रेलवे लाइनों पर रेल यातायात रुक गया है. इससे मुंबई लोकल की सर्विस ठप हो गई है। भारी बारिश के खतरे को देखते हुए मुंबई में 8 रूट्स पर बसों का रास्ता बदला गया है और उन्हें डायवर्ट करके दूसरे रास्तों से चलाने की व्यवस्था की गई है।

मौसम विभाग की चेतावनी

बीएमसी  (बृहन्मुंबई नगर निगम)  ने भारी बारिश के पूर्वानुमान के मद्देनज़र आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी कार्यालयों और अन्य प्रतिष्ठानों को 4 जुलाई को बंद रखने को कहा है। मौसम विभाग ने मुंबई और उसके आसपास के इलाके में 3, 4, और 5 अगस्त को भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। 6 अगस्त से इसकी तीव्रता ( स्पीड ) घटने लगेगी।  हालांकि रात में जल जमाव के बाद गाड़ी को सुचारु रूप से चलाने के लिए मुंबई पुलिस के जवान जगह-जगह पर सड़कों पर मौजूद हैं।

कई जगह बाढ़ जैसे हालात

Mumbai submerged due to heavy rain: Alert continues from Meteorological Department
मुंबई में भारी बारिश के बीच 26 ऐसी जगह हैं जहां बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. इनके नाम है गोरे गांव, किंग सर्कल, हिंदमाता, दादर, शिवाजी चौक, शैल कॉलोनी, कुर्ला एसटी डिपो, बांद्रा टॉकीज, सायन रोड पर भारी पानी जमा हुआ है। आज सुबह ही वेस्टर्न एक्सप्रेस हाई वे पर भारी बारिश के कारण सबअर्बन कांदीवली एरिया में भू स्खलन( मिट्टी धसने या ढहने ) की घटना रिपोर्ट की गई है।

अरब सागर में उठेगा ज्वार

मिडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारी बारिश के बीच दोपहर 12:47 बजे अरब सागर में ज्वार ( लहरें ) आएगा। ऐसे में बीएमसी ने लोगों को अर्लट करते हुए समंदर किनारे जाने से बचने की सलाह दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक करीब 4.7 मीटर ऊंचा ज्वार आने की संभावना है। मौसम विभाग ने मछुआरों को भी सलाह दी है कि वे बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण पूर्वी तट पर गहरे समुद्र में नहीं जाएं।