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ब्रीद : इंटू द शैडोज,अपने परिवार के लिए एक इंसान क्या कर सकता है उसकी कहानी है - KL Sandbox
खबर लहरिया आओ थोड़ा फिल्मी हो जाए ब्रीद : इंटू द शैडोज,अपने परिवार के लिए एक इंसान क्या कर सकता है उसकी कहानी है

ब्रीद : इंटू द शैडोज,अपने परिवार के लिए एक इंसान क्या कर सकता है उसकी कहानी है

दोस्तों इस समय ऑनलइन सीरीज़ और फिल्मो की भरमार है रोमान्टिक हॉरर या थिलर आपको जो भी पसंद हो आप यहाँ देख सकते है. खैर आह मै बात करने वाली हूँ 9 जुलाई को अमेज़न प्राइम पर रिलीज़ हुई ब्रीद इंटू द शैडोज। सीरीज की शुरुआत भले ही मिस्ट्री क्राइम थ्रिलर के रूप में होती है लेकिन आगे चलकर ये एक साइकोलॉजिकल थ्रिलर का रूप ले लेती है, जो कि काफी बढ़िया है. इस सीरीज में कई ऐसे बड़े ट्विस्ट एंड टर्न्स हैं, जो आपका दिमाग घुमा सकते हैं
आपको बतादें की इसके पहले सीज़न में मुख्य भूमिका में आर माधवन थे, वहीं इस बार अभिषेक बच्चन नजर आ रहे हैं। अभिषेक के साथ सीरीज में नित्या मेनन भी हैं। जितना रोचक ब्रीद का पहला भाग था, उतना तो नहीं पर फिर भी काफी अच्छा है ब्रीद पार्ट टु ।
इस कहानी में अविनाश सभरवाल यानी अभिषेक बच्चन जो की पेशे से साइकायट्रिस्ट है उसकी बेटी सिया किडनैप हो जाती है. और ब्लैकमेलर उससे पैसे या प्रॉपटी की डिमांड नहीं करता बल्कि कुछ लोगो का क़त्ल करने को कहता है |
कहानी में 3 मुख्य किरदार है
पहला अविनाश सभरवाल जो एक ऐसा पिता ही जो अपनी बेटी से बहुत प्यार करता है, उसके लिए और उसकी सलामती के लिए कुछ भी कर सकता है और एक साइकायट्रिस्ट जो लोगों के दिमाग के साथ खेलना जानता है. अविनाश का किरदार जितना सुलझा हुआ लगता है उतना है नहीं और यही उसकी खासियत है. इसी काम को उन्होंने बखूबी किया भी है. एक साधारण-से मगर उलझे हुए इंसान के किरदार में अभिषेक काफी अच्छे लगे |
दूसरी मुख्य कलाकार है अविनाश की पत्नी आभा यानी नित्या मेनन ने जो एक डरी हुई मां और पत्नी जो बस अपनी बेटी को बचाना चाहती है, लेकिन हर कदम पर अपने डिसिजन पर सवाल भी कर रही है. हालांकि फिर भी हार नहीं मान रही. नित्या का काम भी बेहतर लगा लेकिन अभिषेक के साथ उनकी कमेस्ट्री कुछ खास कमल की नहीं लगी |
अब तीसरे मुख्य किरदार की बात करते है वो है पुलिस ऑफिसर कबीर सावंत यानी अमित साध जो ब्रीद इंटू द शैडोज के पहले सीज़न में भी थे लेकिन थोड़ा बेहतर लगे. मतलब सीजन 1 का दारुबाज, गुस्सैल पुलिसवाला सीजन 2 में बदल गया थोड़ा है भी रहा है इसमें। हाँ गुस्सैल अभी भी है लेकिन अच्छा लगा. एक्ट्रेस प्लाबिता बोर्थाकुर के साथ उनकी जोड़ी काफी फ्रेश है और दोनों की केमिस्ट्री बहुत क्यूट लगती है. कुल मिला कर बात करूँ तो ब्रीद का कॉन्सेप्ट है कि आखिर अपने परिवार के लिए एक शख्स किस हद तक पहुंच सकता है।
तक़रीबन 40 से पचास मिनट का 12 एपिसोड की ये सीरीज शुरुआत भले ही ढीली होती है लेकिन कहानी में पहला ट्विस्ट आने के बाद ये आपको अपने साथ ऐसे जोड़ती है कि आप अंत तक अपनी जगह से नहीं हिलते. कहानी के अंत तक पहुंचते-पहुंचते आपकी धड़कने भी तेज होने लगती हैं, जो कि इस बात की निशानी है कि इसे कितने बढ़िया ढंग से बनाया गया है. हालाकिं कहीं कहीं आपको कहानी खींचती जरूर लगती है लेकिन इसका सस्पेंस दुबार इसे पटरी पर ले आता है. एक गलत बात इस सीरीज़ की ये लगती है के इसमें आपको क्राइम करने के आइडिया बताये जाते है जो किसी अपराधी को अपराध करने के तरीके सिखाता है |
तो मेरी तरफ से इस सीरीज़ को 5 में से 3 स्टार मिलते है तो आपको ये सीरीज़ कैसी लगी हमें बताइयेगा जरूर अगर हमारा ये वीडियो पसंद आया हो तो लाइक और शेयर जरूर करें। और एक बात आप अगला रिव्यू किस फिल्म या सीरीज़ का देखना चाहते है हमें कमेंट कर के जरूर बताए।