मानसिक स्वास्थ्य पर असर और उपाय
इस महामारी के दौर में अधिकतर लोग मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन की 2018 की रिपोर्ट के मुताबित भारत में हर 6 वा व्यक्ति मानसिक तनाव का शिकार है रिपोर्ट के मुताबित भारत के 80 प्रतिशत मानसिक तनाव से जूझ रहे लोग किसी तरह का इलाज नहीं कराते। हमने भी चित्रकूट के कुछ लोगों से बात की तो जो बात सामने आई वो थी तनाव का मुख्य कारण महामारी और बढ़ती बेरोजगारी . अगर महिलाओं की बात करें तो उनके तनाव के कारणों में एक कारण उनपर होने वाली बंदिशी भी है. अब तनाव है तो उसे लोग कम कैसे करते है आप खुद ही सुन लीजिये |
मानसिक स्वास्थ्य से पिडित आजकल हर मे कोई न कोई जरुर मिलेगा इस मुद्दे पर जब लोगों से बात करी महिलाओं और पुरुष से तो लोगों तो यही निकल कर आया आजकल की भागदौड की जिन्दगी हर इन्सान डिप्रेशन मे रहने लगा है और जिन्दगी मे तमाम उलझन बढती जा रही हैं |
जिन्दगी मुश्किलों मे हो जाती है कारण लोग अब परिवार के साथ नहीं लहते दुरिया बढ गई हैं
आर्थिक स्तिथ भी एक बहुत बडा कारण है जिससे घर मे लडाई झगडा होता है ग्रेह कलह शूरू हो जाती अब मानसिक स्वास्थ्य पीड़ित पुरुष , है तो वो अपना गुस्सा कही न कही निकाल लेता है कभी पत्नी मां या शराब पीकर दोस्तों मे बैठ कर वही बिमारी अगर मानसिक स्वास्थ्य संबंधित महिला मे है तो उसे पागल , कहा जाएगा , और तो और वो अपना गुस्सा जो मानसिक तनाव के कारण चिडचिडापन रहता है कहीं निकाल भी नहीं पाती अगर निकलता है तो बच्चों मे या रोकर |
समय के साथ तनाव बढता जाता है और बहुत से लोग आत्महत्या कर लेते है
मनोवैज्ञानिक डाक्टर की माने तो उनका कहना है इस समय इतना कम्पीटीशन बढ गया है की 95 परसेंट लोग मानसिक स्वास्थ्य से पिडित हैं और बहुत ज्यादा छमता से बढकर काम करना करना छमता से बढकर पाने की चाहत रखना ये ड्रिप्रेशन मे ले जाता है और बहुत ज्यादा आत्महत्या करने की खबरें आ रही हैं |