खबर लहरिया Blog अन्ना जानवर किसानो के लिए बने मुशीबत

अन्ना जानवर किसानो के लिए बने मुशीबत

Anna animals are famous for farmers
लॉक डाउन खत्म होते ही किसानों के खेती कीसानी का काम शुरू हुआ तो अन्ना जानवरों परेशान कर रहे हैं, जिससे किसान निराश हो रहे हैं| ऐसा ही एक मामला सामने आया है  ललितपुर जिले के ब्लॉक महरौनी गांव खिरिया लटकन्जू| यहां का किसान अन्ना जानवरों की बड़ी समस्या का सामना कर रहा है|

यहाँ के किसानों का आरोप है

आरोप है की हमारे खेत से फसल अभी तक बाहर नहीं निकली है और अन्ना जानवरों का आना शुरू हो गए हैं जब से हमने बोनी की थी तभी से खेत की रखवाली करनी पड़ रही है| अभी खेत में फसल का पौधा निकल नहीं पा रहा की सभी फसलो को अन्ना जानवर खा कर नष्ट कर रहे हैं|
Anna animals are famous for farmers
हम लोग 24 घंटा अपने खेत की रखवाली कर दिन- रात ऊक कर रहे हैं, कई सालों से अन्ना जानवरों के बारे में अधिकारियों से शिकायत की है और ज्ञापन दिया हैं कि अन्ना जानवर की कोई व्यवस्था की जाए पर किसी ने सुनवाई नहीं की हर साल इस तरह की दिक्कतें आती हैं रवि की फसल हो या खरीफ की फसल  दोनों फसलों की रखवाली करनी पड़ती है हम लोग बहुत ही परेशान हैं|
Anna animals are famous for farmers
अभी भी हमारे गांव में कम से कम 500 आना जानवर हैं कुछ अन्ना जानवर तो गांव के सचिवालय में रखवा दिया हैं और कुछ अभी घूम रहे हैं हम लोग कहां तक करें हमारे गांव के सभी लोग परेशान हैं हम लोग कहीं गौशाला में बंद करने के लिए ले जाते हैं, तो पुलिस वाले निकलने नहीं देते और अन्य गांव वाले भी  नहीं निकलने देते हैं|
हम लोग रखवारी नहीं करेगा तो पूरा खेत उजड़ जाएगा कुछ नहीं मिलेगा थोड़ी, थोड़ी जमीन है| अगर अन्ना जानवर खा लेंगे तो हम लोग कहां जाएंगे हम लोग बहुत ही परेशान हैं|

इस मामले में प्रधान अच्छेलाल कुशवाहा का कहना है

कहना है  कि हमारे गांव में जो अन्ना जानवर थे उनको हमने सचिवालय में रखवा दिया है और अब किसानों की फसल नष्ट नहीं कर रहे हैं हर साल हम सचिवालय में अन्ना जानवर को रखवा देते हैं जिससे किसानों की फसलें नष्ट ना हो अभी जो अन्ना जानवर फिर रहे हैं वह गांव ही वालों के हैं अगर गांव वाले इसको बांध लें तो उनकी फसल सुरक्षित रहेगी और अगर सरकारी अन्ना जानवर होंगे तो हम उनको पकड़वा के सचिवालय में रखवा देंगे जिससे किसानों की फसलें नष्ट ना हो हम यही प्रयास करेंगे हम भी चाहते हैं कि लोगों की फसलें नष्ट ना हो|