खबर लहरिया ताजा खबरें महोबा: अंधविश्वास में लिप्त हो जाना क्या सही है?

महोबा: अंधविश्वास में लिप्त हो जाना क्या सही है?

जब भी कोई संकट आता है तो हम भगवान् को याद करते है भगवान् को याद करना तो ठीक है लेकिन अंधविश्वास में लिप्त हो जाना क्या सही है ? नहीं क्योकि विज्ञान इस चीजों को सिरे से नकारता है किसी शक्ति के लिए आस्था रखना नार्मल बात है लेकिन इसे अंधविश्वास बनाना भयानक हो सकता है. आज जब देश कोरोना महामारी से गुजर रहा है तो महोबा जिले में भी कुछ महिलायें इसे रोकने के लिए सोमवार व्रत, चूड़ियां पहनना, मोमबत्ती जलाना जाने और क्या क्या कर रही है इन्ही से जानते है |
महोबा जिला के अलग-अलग गांव के औरतें कोरोना महामारी को देखते हुए औरतों ने अपना एक अलग तरह का अपनाया है लाडपुर गांव की महिलाओं ने 5 सोमवार का दीया रखने का काम सुर्वात किया है शाम में हर सोमवार को पूरे गांव की महिलाओं ने हर स्थान में आटा की दिया बनाकर स्थानों स्थानों में रखा है यह पांच संवाद करेंगे दो सोमवार बीत गए हैं रखते हुए दिया |
ऐसा है दूसरे गांव के औरतों ने एक सोमवार को हर औरत सात रकम की चूड़ी पहनते हैं और पांच सोमवार व्रत रहेंगे जिससे उनकी आस्था है कि यह महामारी जो चल रही है उससे निपट सकें कहते हैं कि अपने देश में हर लोग कोई दान देता है तो कोई तरह-तरह के यह देश बचाने के लिए कर रहा है औरतें ज्यादा तो कुछ नहीं कर सकती लेकिन एक पांच सोमवार स्थानों में देवलिया ही जला सकती हैं और जो हर साल की कुछ ना कुछ चलता है तो इस साल भी चला हुआ है चूड़ी पहनने का और व्रत रहने का तो हम व्रत और चूड़ी जैसे कर रहे हैं |
कुलपहाड़ सीओ अवध सिंह का कहना है कि दीया जलाने से और चूड़ी पहनने से करो ना जैसी महामारी नहीं मिटेगी साफ-सफाई सोशल डिस्टेंस सिंह और गर्म पानी पिए और दूरियां बना कर रहे जिससे इसी बीमारी से छुटकारा है मैं नहीं समझता कि व्रत रहने और दिया चूड़ी पहनने से यह बीमारी खत्म हो जाएगी |
बेलाताल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक डॉक्टरपी के सिंह राजपूतकहते हैं कि ऐसा कुछ नहीं है कि चूड़ी पहनने से बीमारी समाप्त हो जाएगी हां मैं इस बात को कहता हूं कि जो व्रत रहते हैं तो घर की और साफ सफाई से रहते हैं और यह होना भी चाहिए साफ-सफाई जैसी ची देश या यु कहें पूरा विश्व इस संकट से जूझ रहा है वैज्ञानिक इसकी दवा ढूंढने में लगे हुए है लेकिन तब तक किसी अंधविश्वास या ढोंगी बाबा की बातों में न आये. इसे रोकना है तो खुद के लिए सावधानी बरतिए , बार बार छूने वाली चीजों को साफ करते रहिये बाकी तो आप सब को पता ही है दूरी का ध्यान रखना है. जरुरी हो तभी बाहर निकलना है तो सावधानी बरतिए महामारी खुद भाग जाएगा |