कमलगट्टे का नाम तो आपने सुना ही होगा। इसका एक ख़ास इतिहास है आपको जानकर हैरानी होगी कि कमलगट्टे का उपयोग खाने से लेकर पूजा-पाठ में भी काम आता है |
कमलगट्टा, कमल का ही फल है, जिसका निर्माण कमल के फूल से ही होता है। कमल के इस फल में मौजूद बीजों को छीलकर भी खाया जाता है, कमलगट्टे की खासियत यह है कि यह साल भर में एक बार कुछ ही समय के लिए बाजार में उपलब्ध होते हैं। लेकिन इनकी मांग बनी रहती है |
जैसा की हम सभी जानते है की बुंदेलखंड के तालाबो में कमलगट्टा काफी प्रशिद्ध है बताया जा रहा है की कमलगट्टा के पत्तो पर पुराने जवानो के सादियो में इस पत्ते पर खाना खिलाया जाता था हालांकि अब ये कम हो गया है लेकिन कमलगट्टा की सब्जी आज भी कायम है और काफी प्रशिद्ध है हर घरो में यह बनाया जाता है कमलगट्टा की सब्जी ही नही इसके अलावा अन्य प्रकार की भी चीजे बनाया जाता है जैसे मखाना और भी कई जिचो में काम आता है जिला महोबा ब्लाक जैतपुर कस्बा जैतपुर जहा फेमस सब्जी कमलगट्टा की कहते हैं की कमल गट्टा हर समय नहीं मिलता है गर्मियों के महीने में मिलता है जो कमलगट्टा बहुत सारी चीजों में फायदेमंद भी होता है |
आज से 10 साल पहले तो कमलगट्टा के पत्तों से बारात में मेहमान खाना खाते थे। और उस कमलगट्टा के फल से मखाने भी घूमते हैं जो कमलगट्टा पाक के सूख जाता है तब दूसरी बात। कमल गट्टा की स्वादिष्ट सब्जी बनती है जो मैं आपको आज बताऊंगी। कहते हैं कि कमलगट्टा को पहले तालाब से लेकर आए और उसके छतिया को तोड़ तोड़ के वीजा निकालने हैं | फिर भी झोंके से चलकर कमल गट्टा की सब्जी बनाई जो स्वादिष्ट बनती है और फायदे भी करते हैं सब्जी के बनाने के तरीका हैं हर सब्जी में मसाला डालते हैं धनिया मिर्चा लहसुन प्याज गरम मसाला उसको उसी तरह से मसाले को इकट्ठा कर लें और मसाले को ही जीरो से बघार लगा दे फिर उसके बाद मसाला को तलाई जब मसाला चल जाए तब कमलगट्टा के दाने डालें जिससे 5 मिनट तक उनको तलने दे मसाला में फिर थोड़ा सा पानी ना दे खाएं उसका टेस्ट देखें कि किस तरह का टेस्ट है |
कुछ बच्चों का कहना है कि सब्जी तो हम खाते ही हैं लेकिन सब्जी बनाने के पहले ही हम बाजारों से खरीद ले जाते हैं कमलगट्टा के दाने जिन को छीलकर खाते हैं बड़ी मजा आती है यह हल्के मीठे इनका स्वाद हो लगता है साल भर में एकदम और उनका कमलगट्टे के दान दाना खाने को मिलता है जो हम 1 साल आशा लगाए रहते हैं कि कब कमलगट्टा के दाना होंगे तालाबों में और बाजार में बिकने के लिए आएंगे |
सब्जी बनाने वाले महिलाएं भी बताया है कि इसकी सब्जी बहुत अच्छी टेस्टी बनती है जिसको हम लोग बनाते हैं साल में तीन ही 4 बार ही बना कर खा पाते हैं क्योंकि जब बरसात होती है तो पानी तालाबों में भर जाता है और उनकी जो छतिया होती हैं वह डूब जाते हैं |