खबर लहरिया Blog खुले में शौच मुक्त का सच

खुले में शौच मुक्त का सच

एक तरफ सरकार ने खुले में शौच मुक्त अभियान चलाया है वहीं दूसरी तरफ ग्रामीण क्षेत्र में आज भी घर की महिलाएं बाहर जाती नजर आ रही है| इसका कारन है की गाँव में प्रधान द्वारा लोगों के शौचालय नहीं बनाया गया है और अगर कहीं पर बने भी हैं,तो अधूरे है, तो कहीं पर शौचालय निर्माण का पैसा लोगों तक नहीं पंहुचा|

ऐसा ही एक अधुररे शौचालय का मामला ललितपुर जिले के ब्लॉक महरौनी गाँव कुआघोषी में सामने आया| यहाँ के सुशीला का आरोप है की उधके शौचालय निर्माण के लिए लगभग तीन साल हो गये  प्रधान द्वारा गड्डा खोदा कर छोड़ दिया गया है| प्रधान ने बोला था की तुम्हारा शौचालय आ गया है तभी से यह गड्डा खुदा हुआ अधुरा पड़ा है प्रधान ने आज तक शौचालय के लिए कोई पैसा नहीं दिया और न ही खुद में बनवाया है| शौचालय न होने से हम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है| हमारे परिवार में जितने लोग है सभी लोग बाहर शौच के लिए जाते है घर में छोटे छोटे बच्चे है उन्हें जाने में काफी दिक्कत आती है|

सुशीला का कहना है कि वैसे तो शौचालय न होने से 12 महीने दिक्कत होती है पर सबसे ज्यादा बारिश के समय दिक्कत आती है  कभी किसी को रात में जरूरत पड़ती है, तो भी बाहर जाते हैं 3 साल में कम से कम 10 बार प्रधान से कह चुके हैं कि हमारी शौचालय बनवा दीजिए पर कोई सुनवाई नहीं की इससे अच्छा तो प्रधान गड्ढा नहीं खुदवाता तो अच्छा रहता क्योंकि इस गड्डे में भी डर बना रहता है कि कोई गिर न जाये क्योंकि छोटे-छोटे बच्चे है और इसी गड्डे के आस-पास खेलते रहते है कोई बच्चा गिर गया तो क्या प्रशासन इसका जिम्मेदारी लेगा| हमारे परिवार में किसी का शौचलय नहीं बना हम लोग बहुत ही समस्याओं का सामना कर रहे हैं|

इस मामले में प्रधान जानकी का कहना है कि अभी हमारे गांव में ऐसे चार-पांच लोग हैं जिनके गड्ढे खुदे पड़े हैं और शौचालय नहीं आये| इसका कारण यह है कि बजट नहीं आया है 3 साल पहले के गड्ढे नहीं है अभी खुदवाए है हमने करीब 8 महीना पहले जैसे ही बजट आ जाएगा हम बनवा देंगे अभी हमारे गांव में करीब 100 परिवार ऐसे हैं जिनके शौचालय नहीं बने हैं ऊपर से बजट नहीं आ रहा तो हम कैसे बनवाये बजट आ जाएगा तो काम चालू करवा दिया जाएगा|