उत्तर प्रदेश का जिला चित्रकूट धार्मिक नगरी के नाम से जाना जाता है। इस जगह पर कई ऐतिहासिक मंदिर, स्थल और नदियां मौजूद है। जिनका अपना-अपना इतिहास और कहानियां है। लेकिन जब भी हम कहीं घूमने जाते हैं तो हमारा सबसे ज़रूरी सवाल होता है, कहां और कौन-सी जगह। आज हम आपको चित्रकूट के कुछ मशहूर पर्टयन स्थल के बारे में बताएंगे। जहां जाना आप ज़रूर पंसद करेंगे।
-
गुप्त गोदावरी
इस तरह से पहुंचे
रेलवे स्टेशन – चित्रकूट धाम कर्वी
हवाईजहाज से – खजुराहो हवाईअड्डा
खुलने का समय – सुबह 7 से शाम के 6, हर दिन
-
सती अनुसुइया आश्रम
सती अनुसुइया आश्रम शहर से लगभग 16 किलोमीटर की दूरी पर मंदाकिनी नदी के उद्गम स्थल के पास पहाड़ियों में बसा हुआ है। चारों ओर सिर्फ हरियाली है। पौराणिक कथाओं के अनुसार महर्षि अत्रि अपनी पत्नी अनुसुइया और तीन बेटों के साथ इस जगह पर रहते थे। भगवान राम, माता सीता के साथ इस जगह पर रुके थे। जिस दौरान देवी अनुसुइया ने माता सीता को सतित्त्व का महत्व बताया था।
-
हनुमान धारा
-
कामदगिरि पर्वत
-
भरत मिलाप मंदिर
-
स्फटिक शिला
यह मंदाकिनी नदी के किनारे बसा हुआ है। ऐसा माना जाता है कि नदी के इस तट से भगवान राम और माता सीता ने चित्रकूट की सुंदरता की सराहना की थी। यह जगह घने जंगलों के बीच छिपी हुई है। माता सीता ने यहां अपना श्रृंगार किया था। कहा जाता है कि आज भी यहां भगवान राम के चरणों के निशान है। इसके अलावा पौराणिक कथाओं के अनुसार यह वही जगह है जहां देवी सीता को भगवान इंद्र के पुत्र जयंत ने काट लिया था। जब वह एक कौवे के रूप में उड़ रहे थें।
चित्रकूट आध्यात्मिक भावनाओं और रोमांच से भरपूर है। यहां आकर आप खुद को भगवान से जुड़ा हुआ पाएंगे। यहां की खूबसूरत वादियां, झरने और पर्वत आपके मन को शांत करने का काम करेंगी। तो ज़रूर आइयेगा यहां, रोमांच से भरी दिलचस्प कहानियों और इतिहास को जानने।
(आर्टिकल में उपयुक्त तस्वीरों को गूगल से लिया गया है।)