Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the siteorigin-premium domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/html/wp-includes/functions.php on line 6121
दहेज़ की लालच में महिला को दी फांसी - KL Sandbox
KL Sandbox

चित्रकूट: परिवार का आरोप कि ससुराल वालों ने दहेज के कारण महिला को फांसी पर लटकाया

चित्रकूट ज़िले के ब्लॉक मानिकपुर के गाँव भौंरी का पुरवा गेटा में महिला के साथ हिंसा के बाद उसकी हत्या का मामला सामने आया है। मध्य प्रदेश के गाँव की बच्ची देवी नाम की महिला की शादी 8 साल पहले भौंरी का पुरवा गेटा गाँव के राजेश सिंह के साथ हुई थी, और तब से ही दहेज़ के कारण बच्ची देवी के ससुराल वाले उसके साथ मारपीट करते थे। बच्ची की एक पांच साल की बेटी भी है।

बच्ची देवी के भाई गुलाब का कहना है कि 2 अप्रैल को सुबह करीब 11:00 बजे उनकी भांजी ने गुलाब को फ़ोन करके सूचना दी कि उसकी माँ के साथ उसके पिता ने मारपीट करके उसे फांसी पर लटका दिया है। घटना की सूचना मिलते ही गुलाब जब अपनी बहन के ससुराल पहुंचे तो उन्होंने बच्ची देवी को मृत पाया, जिसके बाद उन्होंने रायपुरा थाना में इसकी सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुँच गई और लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। गुलाब का कहना है कि राजेश हमेशा से ही उनकी बहन के साथ मारपीट करता था और एक साल पहले भी उन्होंने राजेश के खिलाफ रायपुरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, लेकिन तब कोई सुनवाई नहीं हुई थी।

ये भी पढ़ें : ललितपर: ससुराल वाले कर रहे दहेज की मांग, आख़िर कब तक प्रताड़ित होती रहेगी महिलाएं?

जब से शादी हुई थी, तब से कर रहे थे दहेज़ की मांग

गुलाब ने हमें बताया कि जबसे बच्ची की शादी हुई थी, तब से उसके ससुराल वाले उससे दहेज़ की मांग कर रहे थे, और इसी के चलते उससे मारपीट भी करते थे। राजेश और उसके घरवालों की मांग थी कि बच्ची देवी के मायके वाले उसे मोटरसाइकिल दिलाएं लेकिन पैसों के अभाव के कारण उसके घरवाले उसे ज़्यादा दहेज़ नहीं दे पाए थे। बच्चे देवी की बेटी होने के बाद भी उसके ससुराल वालों ने उसके साथ मार-पीट करना चालू रखा और बच्ची ने भी अपनी बेटी के भविष्य के कारण इसके खिलाफ आवाज़ उठाना बंद कर दिया। जब गुलाब की अपने बहन से 1 अप्रैल को फ़ोन पर बात हुई थी, तब भी बच्ची ने उसके साथ हो रही शारीरिक हिंसा की बात बताई थी।

कर्वी ब्लॉक के सीओ शीतला प्रसाद पांडे ने मौके पर पहुँच कर जानकारी दी कि महिला की उम्र 25 साल थी और उसके शरीर पर चोट के निशान पाए गए हैं। इसके साथ उन्होंने यह भी बताया कि जब पिछले साल मारपीट की शिकायत रायपुरा थाने में दर्ज कराइ गयी थी तब थाने के एसओ ने उसके पति को एक दिन के लिए गिरफ्तार भी किया था लेकिन दूसरे दिन उसकी बेल हो गई थी।

इस पूरे मामले पर बच्ची के पति का कहना है कि उसके और उसके परिवार पर दहेज़ का झूठा आरोप लगाया जा रहा है। और उन लोगों ने कभी भी बच्ची पर हाँथ नहीं उठाया था। इसके अलावा उसका कहना है कि जब-जब राजेश की भाभी उसके घर आती थीं, तो बच्ची उनपर शक करती थी, जिसके कारण उनमें आए-दिन कहा सुनी हुआ करती थी। राजेश का कहना है कि जब बच्ची ने फांसी लगाई तब वो घर में नहीं था और सूचना मिलने पर जब वो घर पहुंचा तब पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि 2 अप्रैल को ही पुलिस ने मृतक महिला के पति को गिरफ्तार कर लिया था।

आत्महत्या की या ज़बरदस्ती फांसी पर लटकाया गया, इसकी नहीं हुई है पुष्टि

रायपुरा थाने की पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह निकल कर आया है कि महिला के साथ काफी शारीरिक हिंसा की जाती थी, और उसके शरीर पर कई जगह चोटों के गहरे निशान भी हैं। अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि महिला को ज़बरदस्ती फांसी लगाई गयी या महिला ने खुद ये कदम उठाया। पुलिस का मानना है कि शायद अपने साथ हो रही हिंसा से परेशान होकर ही महिला ने आत्महत्या कर ली है।

फिलहाल मृतक महिला की बेटी को उसके ससुराल वाले घर ले गए हैं, लेकिन महिला के मायके वालों की यह मांग है कि उसकी बेटी को वो लोग वापस कर दें। इस हादसे के बाद अब इन लोगों को लड़की की जान का भी खतरा लगा हुआ है कि कहीं वो लोग उसकी भी हत्या कर दें। इसके साथ ही अब महिला के घरवाले यह भी मांग कर रहे हैं कि राजेश के साथसाथ उसके ससुराल के सभी लोगों की भी गिरफ्तारी होनी चाहिए क्यूंकि सभी लोग बच्ची देवी के साथ मारपीट करते थे।

ये भी पढ़ें : बाँदा: दहेज के लालच में महिला को जान से मारने का मामला

इस खबर को खबर लहरिया के लिए सहोद्रा द्वारा रिपोर्ट एवं फ़ाएज़ा हाशमी द्वारा लिखा गया है।

Exit mobile version