ग्रामीणों का आरोप है की
सफाई नहीं होने के वजह से गाँव की सभी नालिया जाम पड़ी हैं. जिसका पानी रास्तों में फ़ैल रहा है. क्यूंकि नालियों में कूड़ा करकट भरा हुआ है, लोगों को आने-जाने में बहुत भारी दिक्कत का सामना करना पड़ता है| लोग बाहर निकलने से कतराते है अपने छोटे बच्चों को भी नहीं भेजते हैं डर बना रहता है की कहीं कपडा़ गंदे ना कर ले |
सफाईकर्मी के खिलाफ ग्रामीणों में आक्रोश
सफाई कर्मी अपने मर्जी का काम करता है अगर उससे कहा जाता है, तो वो सुनता ही नहीं है सफाई कर्मी तमाम तरह की धमकियां देता है कि मुझे किसी तरह का दबाव दिया जाएगा तो मैं आपके खिलाफ रिपोर्ट कर दूंगा| इस कारण से लोग कुछ नहीं कहते हैं. चार महीने लगातार बारिश हुआ था बरसात के समय तो गाँव का और बुरा हाल होता था |
उस समय भी सफाई कर्मी नहीं आया और नालियों का पानी पूरे रास्तों में भरा ही रहा है, किसी को काम के लिए अगर जल्दी बाजी में निकलना पड़ता है, तो अपने दो पहिया वाहन से निकलते हैं,तो लोगों के कपड़े में कीचड़ तक के छींटे पहुंच जाते है और उनके कपड़े गंदे हो जाते हैं. अगर नालियों की सफाई हो जाए तो शायद यह दिक्कत लोगों को नहीं होती नालिओं के सफाई ना होने के वजह से लोगों में काफी आक्रोश है|
इस मामले में सफाई कर्मी मलखे का कहना है कि
मैं अकेला सफाई कर्मी हूं. ग्राम पंचायत बड़ा है. कैसे सफाई कर सकता हूं एक सफाई कर्मी की और जरूरत है मैंने कई बार प्रधान से कहा भी है कि मुझे सहयोग चाहिए तभी मैं भवानीपुर गांव में नालियों की सफाई कर सकता हूं जो वहां पर चट्टियां रखी हुई है उनको अकेले में नहीं उठा सकता हूं अगर किसी का सहोग हो जाएगा तो पूरी चट्टियां उठा कर बाहर रख देगे और इसके बाद पूरी नालियों की सफाई होगी तभी वहां का पानी नालियों से क्रश हो सकता है अगर नहीं कोई सहोग देगा तो इसी तरह रास्तों में पानी भरा रहेगा |