KL Sandbox

कन्नौज- विधवा महिला का सिर मुड़वा जूतों की माला पहनाकर घुमाने का वीडियो वायरल

Only the rape victim and his accomplice were sent to jail

साभार: फेमिनिज्म इन इंडिया

उत्तर-प्रदेश में कन्नौज जिले के गुरसहायगंज के बनियानी गाँव से इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। घटना का एक विडियो वायरल हो रहा है। जिसमे ग्रामीण एक महिला और एक दिव्यांग व्यक्ति का सिर मुंडवाकर उनके चेहरे पर कालिख पोत रहे हैं और जूते चप्पल की माला पहना कर उन्हें गाँव में घुमा रहे हैं। घटना 26 अगस्त 2020 की बताई जा रही है 

क्या है पूरा मामला? 

समाचार पत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गाँव वालों बे बताया है कि दो साल पहले पति की मौत के बाद मायके में रह रही पांच बच्चों की विधवा मां को पड़ोसी दिव्यांग के साथ आपत्तिजनक हालत में देखने के बाद मायके पक्ष के लोगों ने दोनों को बंधक बना लिया। दोनों के बीच करीब एक साल से प्रेम प्रसंग चल रहा है। दोनों को अक्सर गाँव के बाहर भी मिलते देखा गया है। 

चप्पल की माला पहनाकर गाँव में घुमाया

मंगलवार 25 अगस्त की रात जब दिव्यांग व्यक्ति महिला के घर पहुँचा, तो अगली सुबह गाँव वालों ने उसे महिला के साथ आपत्तिजनक हालत में पकड़ लिया। देखते ही देखते पूरे गाँव में बात फैल गई। सब इकट्ठा हुए और इनका सिर मुंडवा दिया गया। इनके चेहरे पर कालिख पोत दी गई। फिर जूते की माला पहना कर इन्हें गाँव में घुमाना शुरू किया गया। मौके पर खड़े सभी गाँव के लोग केवल यह तमाशा देखते रहे और छोटे-छोटे बच्चे उन पर फब्तियाँ कसते सुनाई दिए।

15 साल से मायके में रह रही विधवा

महिला की शादी करीब 22 साल पहले फर्रुखाबाद के कायमगंज थाना के महमूदपुर गांव में हुई थी। महिला के भाई न होने के कारण पति उसके साथ करीब 15 साल से बनियानी गांव में रहता था। महिला की जमीन हड़पने को लेकर उसके चाचा और भतीजों में रंजिश चलती थी। बताया जा रहा है कि इसी खुन्नस में इस अमानवीय घटना को अंजाम दिया गया।

दो साल पहले पति ने कर ली थी आत्महत्या

महिला के पांच बच्चे हैं। बड़ी बेटी की दो साल पूर्व शादी करने के एक माह बाद पति ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। जिसके बाद से विधवा का पड़ोस में रहने वाले दिव्यांग से प्रेम-प्रसंग चलने लगा था। एएसपी विनोद कुमार ने बताया कि मामले की जानकारी ली जा रही है। पुलिस टीम को गांव में भेजा गया है। तहरीर मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 

– ललिता

Exit mobile version