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जुड़े कराटे से चित्रकूट के ओमप्रकाश ने कमाया अपना नाम

जब कोई बडे जिले से हो और कुछ टैंलेंट हो किसी चीज़ मे नाम हुआ हो सबकी नजर उस पर होती है सराहना करते लोग थकते नहीं हर एक की जुबां पर उसकी तारीफ होती है क्योकि वो किसी बड़े शहर या सम्पन परिवार से होगा या समाज में उच्य जाति के मानी जाने वाली जाति से होगा
उन लोगों पर लोगों की नजर नहीं पडती जो टैंलेंट तो रखते हैं लेकिन उनके पास कोई बडे शहर से नहीं होते बडा नाम बडी जाती का सर नेम या बहुत अछ्छी आर्थिक स्थिति नहीं होती
मै बात कर रही हू चित्रकूट जिले के मानिकपुर ब्लाक के देवकली गांव के ओमप्रकाश की ये हैं कराटे ट्रेनर जब हम मिले ओमप्रकाश से उन्होंने बताया उन्हे बचपन से जुडो कराटे का शौक था घर वाले उन्हे जुडो कराटे सिखने की अनुमति नहीं दे रहे थे हमेशा परिजन उन्हें डाटते थे
ओमप्रकाश ने बताया घर वालो से डांट खाता फिर भी मेरा शौक कम नहीं होता मै छुप छुप कर घर मे प्रटिस करता एक बार पता चला की भौरी गांव में जुडो कराटे प्रसिक्षण हो रहा है मै वहां गया और नाली में गिर गया फिर भी मैं वापस नहीं आया किचड से भरे कपड़े से मै वहां गया और अपना नाम लिखवा कर आया घर मे दोपहर में सब सोते मै प्रटिस्स करता जितना भी समय पढाई बाद मिलता मै अकेला ही प्रेटिस्स करता बहुत डांट पड़ती और उस समय आर्थिक स्थिति सही न होने की वजह से कुछ खास खिलाई नहीं हो पाती थी
धीरे धीरे मैं पढाई के साथ साथ जुडो कराटे का प्रसिक्षण देने लगा स्कूल पूलिस को मै आज के समय मैं लगभग 10 हजार लोगों को प्रसिक्षण दे जुका हू वर्तमान मे मेरी पोस्टिंग बिहार मे है समय के साथ घर वालो की सोंच भी बदली मेरी लगन देख कर

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