KL Sandbox

नस्ल भेद के फासले को मिटाएगी फेयर एंड लवली

पिछले ही दिनों जॉन्सन एंड जॉन्सन ने ऐसे उत्पादों को बेचना बंद करने का फैसला किया, जिनके विज्ञापन में काले धब्बे कम करने का दावा किया जाता है। इसी कड़ी में अब हिंदुस्तान यूनीलीवर कंपनी ने अपने ब्रैंड फेयर एंड लवली से फेयर शब्द हटाने की घोषणा कर दी है। कंपनी ने नए नाम के लिए आवेदन भी कर दिया है, लेकिन अभी उसे स्वीकृति नहीं मिल सकी है।

नस्ल भेद दुनिया में पुरानी परम्परा रही है हमेशा ही गोर लोगो को सुन्दर और सावले के नैन नक्स चाहे कितने भी बेहतर क्यों न हो उसे गोरी त्वचा वाले से कमतर समझा जाता रहा है. ये सिर्फ महिलाओं के लिए नहीं पुरुषो पर भी उतना ही असर डालता है. तभी तो तरह तरह के फेयरनेस क्रीम बाजार में उपलब्ध है. काले गोर का भेद तो उस वक्त भी था जब गोर ( अंग्रेज ) हम पर राज करते थे|

लेकिन समय के साथ लोगों ने बोलना भी ही काम कर दिया हो लेकिन उनका नजरिया नहीं बदला ये सर्फ भारत में ही नहीं अन्य देशों में भी चरम पर है. तभी तो पिछले दिनों अमेरिका में जॉर्ज फ्लायड की हिरासत में मौत के बाद से पूरे देश में नस्लभेद के खिलाफ आंदोलन तेज हो गए.|

इस आंदोलन में काफी चर्चित कंपनी हिन्दुस्तान यूनिलीवर अपने ब्रैंड फेयर एंड लवली का नाम बदलने की घोषणा कर दी है. कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि नया ब्रैंड नेम सभी मंजूरी के बाद लॉन्च किया जाएगा. कंपनी ने  फेयर एंड लवली से फेयर शब्द को हटाने की बात कही है. नए अवतार में आने वाला फेयर एंड लवली ब्रैंड अलग-अलग स्किन टोन वाली महिलाओं के प्रतिनिधित्व पर ज्यादा केंद्रित होगा |

आपको बता दें कि यूनिलिवर के प्रोडक्टस भारत ही नहीं बल्कि बांग्लादेश, इंडोनेशिया, थाईलैंड, पाकिस्तान समेत एशिया भर के कई देशों में बिकती है. भारत में बिकने वाले सभी फेस केयर प्रोडक्ट में 40 प्रतिशत फेयर एंड लवली की है|

एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये फैसला कंपनी के लिए टेंशन भरा होगा. क्योंकि इससे सेल्स पर असर होगा. इस कदम से आने वाले दिनों में कंपनी की बिक्री गिर सकती है. लिहाजा आमदनी पर भी इसका निगेटिव असर होगा. हालांकि, लॉन्ग टर्म में ये फैसला कंपनी के हित में काम करेगा |

इसके बाद ही अब इसपर बॉलीबुड से जुड़े लोगों की प्रतिक्रिया भी आनी शुरू हो गई है. बॉलीवुड एक्ट्रेस बिपाशा बसु ने ये बताया कि कैसे त्वचा का रंग सांवला होने की वजह से उन्हें ताने सुनने पड़े थे। बॉलीवुड में एंट्री के वक्त भी बिपाशा की स्किन टैन्ड थी, लेकिन आज उनका लुक काफी बदल चुका है। बिपाशा ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा- ‘जब मैं बड़ी हो रही थी तो एक बात हमेशा सुनती थी कि बोनी, सोनी से ज्यादा सांवली है। हालांकि मेरी मां भी सांवली हैं और मैं काफी हद तक उनकी तरह ही दिखती हूं लेकिन जब मैं बच्ची थी तो मेरी दूर के रिश्तेदारों में रंग को लेकर ये चर्चाएं हुआ करती थीं?

बॉलीबुड ऐक्टर अभय देओल फेयरनेस क्रीम को बढ़ावा देने वाले लोगों पर तंज कसा था और पोस्ट में लिखा, ‘भारत में फेयरनेस क्रीम्स की उत्पत्ति कुछ सालों में हुई है, पहले फेयरनेस क्रीम्स और अब स्किन ब्राइटनिंग या स्किन वाइटनिंग जैसे क्रीम्स. अब तो बहुत से ब्रांड्स फेयरनेस क्रीम्स जैसे नाम से जुड़ना नहीं चाहते, तो क्या अब हम एचडी ग्लो, व्हाइट ब्यूटी, व्हाइट ग्लो, फाइन फेयरनेस जैसे ब्रांड्स बेचेंगे. इतने सालों में इन कंपनियों ने पुरुषों की ओर ध्यान देना शुरू कर दिया है, जो अब फेयर एंड हैंडसम बनना चाहते हैं |

Exit mobile version