ललितपुर: भीषण गर्मी में तेंदू के पत्ते तोड़ अपना घर चलती महिलाएं :जिला ललितपुर ब्लाक बिरधा गांव पाली यहां के कम से कम 500 परिवार ऐसे हैं जो हर साल तेंदू पत्ती तोड़ने का काम करते हैं हर साल इसी गर्मियों के मौसम में एक-एक महीने पत्ती टूटती है और आसपास के जंगल में जाते हैं करीब यहां से 10 किलोमीटर दूर रहता है जंगल पैदल जाते हैं और पैदल ही आते हैं काफी दिक्कतें आती हैं पत्ती तोड़ने में जैसे जंगल में गए तो कीड़े मकोड़े का डर लगा रहता है और ऊपर पहाड़ पर जाना पड़ता है यह लोग शुरू से ही पत्ती तोड़ने का काम कर रहे हैं मौसम में कम से कम 2000 सैकड़ा टूटते हैं एक सैकड़ा ₹50 की बिकती है इनकी मजदूरी ही निकलती है जैसे अभी तेंदूपत्ता तोड़ने का काम करते हैं बाकी समय में मजदूरी करते हैं नरेगा में कोई काम करता है कोई पलायन के लिए जाते हैं अगर गांव में काम नहीं मिलता तो तोड़ कर लाते हैं फिर इसको बांधना पड़ता है और सुखाना भी पड़ता है सुखा के फिर भेजते हैं एक माह में ₹3000 कमाते हैं पत्ती तोड़कर उसी से अपना परिवार चलाते हैं उनका कहना है कि अगर पति तोड़ने नहीं जाएंगे तो बच्चों को क्या खिलाएंगे और क्या हम लोग खाएंगे क्योंकि इसके अलावा और कोई काम नहीं है हम लोगों के पास जैसे अभी पत्ती टूट रही है तो टूट रहे हैं बाकी समय में मजदूरी करते हैं सॉरी 1000 परिवार हैं ऐसे जो पत्ती तोड़ने का काम करते हैं
ललितपुर: भीषण गर्मी में तेंदू के पत्ते तोड़ अपना घर चलती महिलाएं

Lalitpur: Women working in scorching heat to collect tendu leaves